पोंजी स्कीम की आड़ में हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाला सलाखों के पीछे पहुंचा

Update: 2022-06-02 14:59 GMT

क्राइम न्यूज़ स्पेशल: पोंजी स्कीम की आड़ में हजारों लोगों से करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले मास्टरमाइंड आशीष मलिक को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूरे भारत में सेमिनार आयोजित किए और लोगों से निवेश पर 20 प्रतिशत ब्याज देने का लालच देकर अपनी स्कीम में निवेश करवाया था। लोगों को बताया था कि उनकी रकम को एक रूसी तेल कंपनी में निवेश किया जा रहा है।

ज्वाइंट सीपी छाया शर्मा ने बताया कि आनंद लक्ष्मण परदेशी की याचिका पर कोर्ट द्वारा पारित आदेश के बाद पांच दिसंबर 2019 के अनुसरण में दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसने समाचार पत्र में एक विज्ञापन पढ़ा कि रूस की एक बड़ी पेट्रोलियम कंपनी 16 मई 2016 को होटल रैडिसन, पश्चिम विहार में एक सेमिनार आयोजित कर रही है। शिकायतकर्ता ने उस सेमिनार में भाग लिया था, जहां संदीप कौशिक, आशीष मलिक और सुनील सिंह चौहान नामक लोगों ने खुद को रोजनेफ्ट हेज फंड, आरएचएफ गोल्ड कॉइन, यूरेसाकॅइन और जैकपोटमानिया नामक कंपनी के डायरेक्टर के रूप में पेश किया था। वहां मौजूद लोगों को बताया गया था कि यह कंपनी रूसी तेल आधारित कंपनी का हिस्सा थी और निवेशकों को हर महीने 20 प्रतिशत का रिटर्न मिलेगा। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कुल 89 लाख 18 हजार 226 रुपये का निवेश किया था। आरोपियोंं ने दो महीने तक रिटर्न दिया और बाद में झूठे बहाने से भुगतान करना बंद कर दिया। बाद में उन्होंने फोन उठाना भी बंद कर दिया था। इस संबंध में नौ दिसंबर 2019 को क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया था। बाद में मामले की जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर की गई थी। आरोपी कंपनी के बैंक खाते के विवरण शिकायतकर्ता के बयान और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की पुष्टि करते थे। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खाते भी फ्रीज करा दिए थे। सह आरोपी संदीप कौशिक और सुनील सिंह चौहान भारत से बाहर भाग गये थे।

आरोपी ने क्रिप्टो एक्सचेंज भी खोली थी: आरोपियों ने एक क्रिप्टो एक्सचेंज भी खोली थी। पीडि़तों को यूनिक आईडी दी गई थी और उनकी प्रोफाइल बनाई गई थी। 1000 से अधिक पीडि़तों से करोड़ों रुपये ईकठा करने के बाद वे क्रिप्टो एक्सचेंज से पूरी राशि (बिटकॉइन में) निकालकर देश छोडक़र भाग गये थे। पुलिस ने तकनीकी उपायों का उपयोग करते हुए सूक्ष्म जांच और सूचना के विकास के आधार पर वर्तमान आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसे पुलिस रिमांड पर लिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है।

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