कल मिलेगा एनसीआरटीसी को रैपिड रेल का पहला ट्रेनसेट, सिर्फ छह मिनटों में रिंग रोड से इंडिया गेट सर्कल

रैपिड रेल कॉरिडोर का पहला ट्रेनसेट तैयार हो गया। इसे शनिवार को केंद्र सरकार के आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव की मौजूदगी में होने वाले समारोह में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के अधिकारियों को सौंपा जाएगा।

Update: 2022-05-06 02:33 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रैपिड रेल कॉरिडोर का पहला ट्रेनसेट तैयार हो गया। इसे शनिवार को केंद्र सरकार के आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव की मौजूदगी में होने वाले समारोह में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों को सौंपा जाएगा। मेक इन इंडिया के तहत ट्रेनसेट तैयार किए गए हैं।

गुजरात के सावली स्थित एल्सटॉम कारखाने में रेल बनाई जा रही हैं। एनसीआरटीसी को ट्रेनसेट मिलने के बाद इन्हें बड़े वाहनों से गाजियाबाद स्थित दुहाई डिपो में लाया जाएगा। डिपो को गाजियाबाद में तेज गति से बनाया जा रहा है। डिपो में ट्रेन के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। डिपो का प्रशासनिक भवन पहले ही बनकर तैयार है। गुजरात में एल्स्टॉम (पहले बॉम्बार्डियर) के निर्माण संयंत्र में शनिवार को समारोह का आयोजन किया जाएगा। जहां ट्रेनसेट की चाबियां एनसीआरटीसी अधिकारियों को सौंपी जाएंगी।
16 मार्च को दुहाई डिपो में ट्रेन की विशेषताओं का अनावरण किया गया था। सावली में स्थित एलस्टॉम का मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पहले कॉरिडोर के लिए कुल 210 ट्रेन की डिलीवरी करेगा। इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय मेट्रो सेवाओं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं।
इनमें आरामदायक सीट (कुशन सीटिंग) खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, सामान रखने के लिए रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप, मोबाइल चार्जिंग की सुविधा रहेगी।
स्टेशन की जानकारी मैप पर
रैपिड में यात्रियों की सुविधा का खासा ध्यान रखा गया है। हर रेल में मैप होगा। इससे यात्रियों को मदद मिलेगी। उनके स्टेशन पर ट्रेन किस समय पहुंचेगी मैप के जरिये जानकारी रहेगी। इस तरह यात्री परेशान नहीं हो सकेंगे।
रैपिड रेल की 180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति है। 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति, जबकि औसत गति 100 किमी प्रति घंटा है। दावा किया जा रहा है कि यह देश में अब तक की सबसे तेज ट्रेन होगी।
ट्रायल जल्द
ट्रेन के आने के बाद इस साल के अंत तक प्राथमिक खंड पर ट्रायल रन शुरू होने की उम्मीद है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबा खंड वर्ष 2023 और पूरा कॉरिडोर वर्ष 2025 तक चालू हो जाएगा। रैपिड रेल वर्ष 2024 में दिल्ली में चलने लगेगी।
कॉरिडोर का निर्माण तेज
दिल्ली से मेरठ करीब 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। प्राथमिक खंड पर साढ़े आठ किलोमीटर का वायडक्ट तैयार कर लिया गया है। इस पर पटरी बिछाई जा रही है।
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