गाड़ी पर लगे फास्टैग का बार कोड स्कैन ना होने पर भी कट जाएगा टोल, जानें क्या है पूरी तैयारी

एक्सप्रेसवे या नेशनल हाईवे पर यदि आपकी गाड़ी पर लगे फास्टैग का बार कोड स्कैन नहीं होता है और आप आगे बढ़ जाते हैं, तब भी वॉलेट से शुल्क स्वत कट जाएगा।

Update: 2022-08-30 02:03 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक्सप्रेसवे या नेशनल हाईवे पर यदि आपकी गाड़ी पर लगे फास्टैग का बार कोड स्कैन नहीं होता है और आप आगे बढ़ जाते हैं, तब भी वॉलेट से शुल्क स्वत कट जाएगा। यह एएनपीआर के जरिए संभव होगा।

जी हां, नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) के तहत लगाए गए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे शत प्रतिशत वाहनों को ट्रैक करने में सक्षम हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अब टोल प्लाजा एएनपीआर के जरिए गाड़ी के साथ लिए गए फास्टैग वॉलेट से स्वत शुल्क काटने में सक्षम हैं।
एनएचएआई सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ महीनों के ट्रायल के दौरान वाहन के शीशे पर बिना फास्टैग लगाए उन्हें टोल प्लाजा से निकाला गया। हालांकि इन वाहनों पर फास्टैग लिया गया था और वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस भी था। इन गाड़ियों के टोल प्लाजा से निकलने के दौरान एएनपीआर कैमरे ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को पूरी तरह से स्कैन कर एटीएमएस सेंटर को स्वत ही सूचना भेज दी। इसके बाद सिस्टम ने ऑनलाइन ट्रैस कर लिया कि उन गाड़ियों पर किन कंपिनयों के फास्टैग लगे हैं और निर्धारित शुल्क काट लिया गया। ट्रायल के दौरान कुछ कमियां भी मिलीं, जिन्हें दूर कर लिया गया है और अब एएनपीआर के जरिए टोल दर को काटने का रिकॉर्ड शत प्रतिशत है।
प्लाजा से हटाए जाएंगे नाके
सभी एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा से नाके हटाए जाने की तैयारी चल रही है। इससे किसी भी टोल पर वाहन के आगे बैरियर लगाने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में टोल प्लाजा पर बैरियर हटाने से पहले पर्याप्त एडवांस सिस्टम होना चाहिए जिससे टोल वसूली प्रभावित न हो। एनएचएआई का कहना है कि अधिकतर हाईवे और एक्सप्रेसवे एडवांस सर्विलांस सिस्टम से लैस हैं और टोल वसूली में सक्षम हैं।
एनसीआर में इन स्थानों पर सफल रहा ट्रायल
दिल्ली-जयपुर हाईवे
दिल्ली-आगरा हाईवे
दिल्ली- हिसार नेशनल हाईवे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे
वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस जरूरी
फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस होना जरूरी है। नए नियमों के तहत वॉलेट में बैलेंस न होने पर जुर्माना से लेकर फास्टैग और आरसी ब्लॉक करने तक का प्रावधान होगा। साथ ही फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस होने पर ही इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाण पत्र ले पाएंगे।
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