दिल्ली एनसीआर न्यूज़: दिल्ली-एनसीआर वासियों को क्या अगले महीने से एक बार फिर से जहरीली, घुटन वाली हवा में रहना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब में प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावशाली इंतजाम के दावे तो किए जा रहे हैं। वहीं इस बार धान की फसल भी कम हुई है। यह उम्मीद तो की जा रही है कि पराली जलाने के मामलों में कमी रहेगी लेकिन सौ फीसदी राहत के आसार नहीं है। हां, पंजाब सरकार ने पराली के लिए हर किसान को प्रति एकड़ 2500 रूपए मुआवजा देने का प्रस्ताव भेजा था। जिसमें 500 रूपए पंजाब सरकार को और 500 दिल्ली व 1500 रूपए केंद्र सरकार को देने का प्रस्ताव था। कल (शनिवार) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पंजाब ने पराली के लिए हर किसान को प्रति एकड़ 2500 रूपए देने का प्रस्ताव बनाया (500 पंजाब, 500 दिल्ली, 1500 केंद्र सरकार)था उसे केंद्र सरकार ने प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा, कोई नहीं, भगवंत मान सभी उपलब्ध मशीनों का सही मैनेजमेंट करके ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को पराली न जलाने में मदद करेगी।
दरअसल उत्तर भारत में पंजाब बड़ा ऐसा राज्य है जहां अक्तूबर से नवम्बर में खेतों में कृषि अवशेष को जलाने के मामले तेजी से बढ़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। दिल्ली में धुंध, घुटन होती है। बीते वर्षों में कोरोना व किसान आंदोलन के चलते जहां प्रदूषण को लेकर ज्यादा काम नहीं हो सका वहीं केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा में 20 हजार अधिक सब्सिडी पर हैप्पी सीडर, सुपर सीडर आदि दिए गए हैं। हरियाणा में भी कृषि केंद्र बनाए गए हैं ताकि किसान धान के अवशेषों को बायोमास बना सकें। इन प्रयासों का असर 2019 में दिखा जब पराली जलाने के मामलों में कुछ कमी आई लेकिन 2020 में ये मामले बढ़ गए थे और यह बढ़त 2021 में करीबन 42 प्रतिशत तक रही है। कृषि जानकार मानते हैं कि सुपर सीडर, हैप्पी सीडर को लेने के लिए 15 जून तक रजिस्ट्रेशन होना था और कितने लोगों ने इसके लिए रजिस्टे्रशन किया है यह आंकड़े प्रतिक्षित हैं। हालंाकि बड़े किसान इन मशीनों को लेते हैं और यह 20 प्रतिशत कारगर मानी जाती हैं। वहीं 80 प्रतिशत मामलों में किसान या तो छोटे कृषि क्षेत्र वाले होते हैं या फिर मशीनों का उपयोग नहीं करते।
पर्यावरण विशेषज्ञ रविंद्र खईवाल मानते हैं कि पिछले साल पराली के मामलों में करीबन 40-42 प्रतिशत बढ़त थी लेकिन इन दिनों में करीबन छह प्रतिशत कम बुआई की जानकारी सामने आ रही है। इसके अलावा भी कई कारणों को देखते हुए यह संभव है कि इस साल पराली कम नजर आए। हां, यह राहत वाली खबर हो सकती है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जरूर आज ट्वीट कर कहा कि भगवंत मान उपलब्ध मशीनों का सही मशीनों का बेहतर प्रबंधन करके ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को पराली न जलाने में मदद करेंगे।