नोएडा एयरपोर्ट के पहले रनवे का काम मई के अंत में होगा शुरू, 30 अप्रैल तक कंपनी का चयन
नोएडा एयरपोर्ट के पहले रनवे का काम मई के अंत में शुरू होगा। इसके लिए डेवलपमेंट प्लान को पास कराने का काम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की 6 अप्रैल को लखनऊ में प्रस्तावित बोर्ड बैठक में होगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नोएडा एयरपोर्ट के पहले रनवे का काम मई के अंत में शुरू होगा। इसके लिए डेवलपमेंट प्लान को पास कराने का काम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) की 6 अप्रैल को लखनऊ में प्रस्तावित बोर्ड बैठक में होगा। इसके बाद 30 अप्रैल तक एजेंसी के चयन का काम होगा। इसमें तीन बड़ी कंपनियों की ओर से इच्छा जताने की बात सामने आ रही है।
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से रनवे का काम शुरू करने से पहले परियोजना का डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है। इसमें एक इंजीनियर की भी नियुक्ति की गई है जो इस मामले में निगरानी कर सुझाव देगा। परियोजना की निविदा का काम 30 अप्रैल तक पूरा होगा। इसमें पता चलेगा कि कौन सी कंपनी को काम मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, अभी तक टाटा, एल एंड टी के अलावा एक अन्य कंपनी ने काम करने की इच्छा जताई है। लेकिन अंतिम तौर पर एजेंसी चयन के बाद ही काम शुरू होगा।
एयरपोर्ट के निर्माण के लिए डेवलपमेंट प्लान का ही सहारा होगा। इसी आधार पर एयरपोर्ट के अलग-अलग हिस्सों का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसमें विस्तृत रूप से होगा कि पैसेंजर के प्रस्तावित लक्ष्य के साथ कौन सा काम कब तक पूरा करना होगा। इसमें पूरी जानकारी होगी।
डेवलपमेंट प्लान पर होगा मंथन
29 अप्रैल को डेवलपमेंट प्लान पर मंथन होगा। इसमें एजेंसियों के भी आने की संभावना है। इस दौरान यह चर्चा होगी कि निर्माण का काम किस तरीके से करना होगा। इसके बाद ही आगे एजेंसियों के चयन की भी बात बनेगी। इसमें एजेंसियां चाहें तो किसी मामले में सुझाव भी दे सकती हैं।
पहले चरण में दो रनवे का काम पूरा करना लक्ष्य
एयरपोर्ट निर्माण के पहले चरण में दो रनवे का काम पूरा कर 2024 में एयरपोर्ट को शुरू करने का लक्ष्य है। हालांकि, अभी तक यह तय नहीं है कि योजना के मुताबिक पहले चरण में घरेलू या अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट के लिए तैयारियां हैं। पूरे एयरपोर्ट में एक मेंटेनेंस रिपेयर ओवरहॉलिंग (एमआरओ) के साथ पांच रनवे का काम पूरा करने का लक्ष्य है।
हेलीपोर्ट योजना के लिए आज खुलेगा ग्लोबल टेंडर
सेक्टर-151ए में शुरू होने वाली हेलीपोर्ट योजना अब पहली सीढ़ी चढ़ने को तैयार है। परियोजना के लिए 31 दिसंबर को जारी किया गया ग्लोबल टेंडर बृहस्पतिवार को खोला जाएगा। इसमें तय हो जाएगा कि कौन सी कंपनी इसका निर्माण करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि 9.35 एकड़ जमीन पर विकसित होने वाली इस परियोजना पर 43.13 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यहां हेलीकॉप्टर की मरम्मत की भी सुविधा होगी। 500 वर्गमीटर जमीन पर टर्मिनल इमारत का निर्माण किया जाएगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल पर आधारित इस परियोजना को जो भी कंपनी विकसित करेगी, वह तीस साल तक संचालन कर सकेगी।
टेंडर खुलने के बाद आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने पर अप्रैल से ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रस्तावित हेलीपैड पर 12 सीट वाले पांच बेल-412 हेलीकाप्टर एक साथ खडे़ हो सकेंगे। साथ ही, एक 26 सीटर एमआई-172 हेलीकॉप्टर भी यहां से वीआईपी व आपातकालीन गतिविधियों के दौरान संचालित किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर यहां से एयर एंबुलेंस का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा। हेलीपोर्ट का संचालन सिर्फ दिन में होगा।
यह होंगी सुविधाएं
15 मीटर ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर बनेगा, एक समय में 20-20 यात्रियों के आने-जाने की होगी सुविधा, 50 कारों के लिए पार्किंग की व्यवस्था, ई-वाहन को चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रोनिक सब-स्टेशन, फायर स्टेशन।