दीवार गिराई, उसे दोबारा कर दिया खड़ा, दो अभियंता निलंबित

Update: 2022-07-18 11:11 GMT

स्थानीय एसडीएम की निशानदेही पर 22 अप्रैल को बकौली गांव के इस गोदाम की दीवार को गिरा दिया गया था। पुलिस को इसकी निगरानी करने के लिए कहा था, लेकिन हफ्ते भर पहले इस दीवार को फिर से बना दिया गया।

अलीपुर के बकौली गांव में करीब तीन महीने पहले एमसीडी ने जिस दीवार को गिराया था, उसी को एक सप्ताह पहले फिर से खड़ा कर दिया गया। करीब 40 फीट लंबी, 15 फीट ऊंची दीवार को बिना पिलर के आनन-फानन बनाया गया। शुक्रवार को वह अचानक गिर गई और इतना बड़ा हादसा हो गया। इसके बाद एमसीडी ने अपने दो अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। निगम आयुक्त ने क्षेत्रीय उपायुक्त को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। जांच होने तक नरेला जोन में तैनात कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता निलंबित रहेंगे।

एमसीडी अधिकारियों के मुताबिक, क्षेत्रीय उपायुक्त जांच में पता लगाएंगे कि गोदाम की दीवार गिरने में एमसीडी ने कहां कोताही की। इस मामले में दोनों अभियंताओं की संलिप्तता की जांच होगी। इससे पहले स्थानीय एसडीएम की निशानदेही पर 22 अप्रैल को बकौली गांव के इस गोदाम की दीवार को गिरा दिया गया था। पुलिस को इसकी निगरानी करने के लिए कहा था, लेकिन हफ्ते भर पहले इस दीवार को फिर से बना दिया गया, जिसके बाद एमसीडी ने 13 जुलाई को इस गोदाम के मालिक शक्ति सिंह चौहान को नोटिस भेजा। इसके बावजूद यहां पर दिन-रात काम करके गोदाम खड़ा किया जा रहा था। एक दूसरी दीवार की नींव खोदते समय हाल ही में बनाई गई दीवार गिर गई।

दबंगों और राजनीतिक रूप से मजबूत लोगों की मिलीभगत

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के प्रत्येक गोदाम की जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाकर खूब पैसे कमा रहे हैं। राजनीतिक रूप से मजबूत लोगों के दबाव में यहां पर प्रशासन को मजबूरन इनके खिलाफ चुप रहना होता है और यही कारण है कि यहां इतने सारे गोदाम बना दिए गए हैं। दबी जुबान में ही कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि बकौली गांव का यह गोदाम मिलीभगत से बनाया जा रहा था, जिसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

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