दिल्ली न्यूज़: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) द्वारा आयोजित किए जा रहे 22वें भारत रंग महोत्सव(आजादी श्रृंखला) के चौथे दिन रणभूमि की नायिका का मंचन किया गया। रणभूमि की नायिका नाटक शिवगंगा की वीरांगना वेलू नचियार पर आधारित है। 1730 में जन्मीं वेलू नचियार भारत की पहली महिला स्वतत्रंता सेनानी थीं। जिन्हें वीर मंगई के नाम से भी जाना जाता है। उनके काल में मद्रास राज्य की राजधानी शिवगंगा को हथियाने के लिए अंग्रेजों ने खूब मारकाट की। जिसमें राजपूत राजा व वेलू नचियार के पति मुत्थू बटुकनाथ पेरियाथेवार को वीरगति मिली।
22वें भारत रंग महोत्सव में आज द प्लान नाटक का होगा मंचन: बचपन से तलवार बाजी और घुड़सवारी सीख चुकी वेलू नचियार ने इसके बाद कमान हाथ में ले ली। उन्होंने मैसूर के सुल्तान हैदर अली से सहायता मांगी और अंग्रेजों पर आक्रमण कर शिवगंगा को फिरंगियों से मुक्त कराया। विभा श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित इस नाटक को कमानी सभागार में एकरंग सोशियो कल्चर सोसाइटी ने मंचित किया गया। मंच पर वेलु नचियार बनी विभा श्रीवास्तव और मुथु बटुकनाथ बने अपूर्व दत्त मिश्रा ने टीम के साथ शानदार मंचन किया। जो सेट लगाया गया वह 18वीं शताब्दी के समय का था।
निर्देशक ने ही निभाई मुख्य भूमिका भी: मंच पर लाइट और साउंड का संयोजन भी अद्भुत रहा। सोसाइटी के कलाकारों ने युद्ध की तैयारी और युद्ध के दृश्यों में जीवंतता बनाई। तारीक दाद द्वारा लिखित नाटक को 1 घंटा 20 मिनट की अवधि में मंचित कराने वाले विभा ने कहा कि मैं लंबे समय ऐसे स्वतंत्रता सेनानी को दुनिया के सामने लाना चाह रही थी जिसे ज्यादा लोग जान न पाए हों और उनका योगदान भी देश की आजादी में महत्वपूर्ण हो। भारत की प्रथम महिला वीरांगना वेलु नचियार की कहानी पढ़ी। वेलु के गांव दक्षिण भारत गई। 1730 का काल, वेशभूषा, प्रॉपर्टी, स्टेज पर रिसर्च की, लोगों से बात की तब कहीं जाकर रणभूमि की नायिका नाटक तैयार हुआ।