राजधानी में बिजली की डिमांड ने बनाया नया रिकार्ड, मांग 7601 मेगावाट पहुंची

Update: 2022-06-29 05:51 GMT

दिल्ली न्यूज़: राष्ट्रीय राजधानी में पसीने तरबदर करने वाली उमस व चिपचिपाहट भरी गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। इस भीषण गर्मी के बीच मंगलवार को बिजली की अधिकतम मांग ने पिछले सारे रिकार्डतोड़ दिए हैं। तापमान बढऩे के साथ ही बिजली की मांग में बेतहाशा वृद्धि हुई है। मंगलवार को बिजली की अधिकतम मांग 7601 मेगावाट रही जो कि इस साल जून महीने का सबसे ज्यादा मांग तो है ही, लेकिन इस मांग ने 2 जुलाई 2019 में दर्ज की गई मांग को भी पीछे छोड़ दिया है। अंतिम बार वर्ष 2019 में 7409 मेगावाट मांग दर्ज की गई थी। बिजली की इस मांग जून महीने में नया रिकार्ड है। इसके अलावा पिछले सारे रिकार्डतोड़ दिया है। अभी तक जून महीने में कभी भी बिजली की इतनी मांग नहीं बढ़ी थी।

दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड व स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर दिल्ली के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की मांग दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर 7601 मेगावाट थी। बिजली वितरण कंपनी (डिस्काम) के अधिकारियों ने बताया कि यह मंगलवार की मांग 7249 मेगावाट की तुलना में 352 मेगावाट अधिक है। बिजली विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में इस साल जून महीने में भीषण गर्मी पडऩे के चलते बिजली की मांग महीने की शुरूआत के बाद से 40 से 45 प्रतिशत बढ़ गई है। इससे पहले इस साल गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 15 जून को 7334 मेगावाट को दर्जकी गई थी।

लोड डिस्पैच सेंटर के अनुसार बुधवार को दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली के बिजली कंपनी बीआरपीएल इलाके में बिजली की अधिकतम मांग 3200 मेगावाट और पूर्वी और मध्य दिल्ली के बीवाईपीएल इलाके में 1800 मेगावाट के आसपास रही। इसी तरह उत्तरी व बाहरी दिल्ली के टाटा पावर डीडीएल इलाके में बिजली की अधिकतम मांग 2173 मेगावाट दर्ज की गई। अगामी दिनों में बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग लगभग 3500 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। पूर्वी और मध्य दिल्ली के बीवाईपीएल क्षेत्र में अधिकतम मांग 2000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। डिस्काम्स अधिकारियों का कहना है कि इस साल बिजली की अधितम मांग करीब 8,200 मेगावाट रहने की उम्मीद है जो 2002 के 2879 मेगावाट से करीब 285 प्रतिशत की वृद्धि है। इधर न्यूनतम मांग 4920 मेगावाट दर्ज की गई। वर्ष 2020 बिजली की डिमांड कम रही थी और 2021 में 2 जुलाई को अधिकतम मांग 7323 मेगावाट रही थी। डिस्काम ने कहा है कि बिजली मांग के अनुरूप आपूर्ति की गई। पर्याप्त बिजली उपलब्ध रहने के कारण बिजली की कोई कटौती नहीं की गई। बिजली आपूर्ति के दिल्ली के अपने पावर प्लांटों से 865 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया। इसके अलावा नार्दन ग्रिड से बिजली की आपूर्ति की गई। 

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