राजधानी में हवा-पानी का हाल, तितलियों की गणना से दिल्ली की आबोहवा का पता करेंगे वैज्ञानिक

दरअसल वैज्ञानिक तितलियों की गणना के आधार पर यह तय करेंगे कि वायु प्रदूषण का असर जीव-जंतुओं पर कितना पड़ रहा है।

Update: 2021-10-24 03:13 GMT

दिल्ली की आबोहवा कैसी है इसका पता तितलियों के अध्ययन से किया जाएगा। इस कार्य में दिल्ली बायोडायवर्सिटी पार्क के वैज्ञानिक जुटेंगे। दरअसल वैज्ञानिक तितलियों की गणना के आधार पर यह तय करेंगे कि वायु प्रदूषण का असर जीव-जंतुओं पर कितना पड़ रहा है।

दिल्ली के बायोडाइवर्सिटी पार्क में हर साल की तरह इस साल भी तितलियों की संख्या की गणना शुरू की जा रही है। बटरफ्लाई असेसमेंट वीक के तहत सभी पार्कों में 25-30 अक्तूबर तक तितलियों की गणना के साथ अध्ययन किया जाएगा। इस माध्यम से दिल्ली के प्रदूषण स्तर को मापने का भी प्रयोग किया होगा। 

बायोडाइवर्सिटी पार्क इंचार्ज फैयाज खुदसर ने बताया कि यमुना, अरावली, कालिंदी, तिलपथ वैली, नीला हौज, तुगलका बाद बायोडाइवर्सिटी पार्क में पलने वाले इन जीवों की गणना होगी। तितलिया पर्यावरण में भी अपना योगदान देती हैं। वे वायु प्रदूषण की सूचक भी है। इस कार्यक्रम में आम लोग भी सहयोगी बनेंगे। गणना का यह कार्य सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जाएगा। 

बायोडायवर्सिटी पार्क के वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद फैजल के अनुसार तितलियों की गणना करने के बाद पार्क में सभी पेड़-पौधों व जीव-जंतुओं का अध्ययन किया जाएगा। यूनाइटेड नेशन द्वारा सस्टनेबल डेवलॉपमेंट गोल में भी यह अध्ययन सहायक होगा। दिल्ली के प्रदूषण स्तर को नापने का यह अप्रत्यक्ष साधना होता है।

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