समिति ने एलजी को सौंपी रिपोर्ट, नियमों को ताक पर रखकर सत्येंद्र को दीं जेल में सुविधाएं
दिल्ली न्यूज़: तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े वीडियो प्रसारित होने के बाद इस मामले की जांच के लिए गठित उच्चाधिकार समिति ने अपनी रिपोर्ट एलजी को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नियमों को ताक पर रखकर जैन को जेल में मसाज सहित दूसरी सेवाएं भी मुहैया कराई जा रहीं थीं। तीन सदस्यीय कमेटी ने जेल के तत्कालीन महानिदेशक संदीप गोयल, अधीक्षक अजीत कुमार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सेल में जैन की सेवा में कई कैदियों की ड्यूटी लगाई गई थी। सूत्रों ने बताया कि इसमें पांच कैदी शामिल थे, जिनमें तीन पॉक्सो कानून के तहत अपराध में जेल में बंद हैं। इस मामले का खुुलासा होने के बाद कहा गया कि कैदियों ने अपनी मर्जी से जैन को सुविधाएं मुहैया कीं, लेकिन इस मामले में हुई पूछताछ में खुलासा हुआ कि कैदी स्वेच्छा से नहीं, बल्कि अधिकारियों के दबाव में ऐसा करने के लिए मजबूर थे। उन्हें चिंता सता रही थी कि अगर जैन की सेेवा से इंकार करते हैं तो जेल में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दूसरे कैदियों के नाम पर जेल कार्ड से जरूरी सामान की खरीदारी की जाती थी, ताकि रिकॉर्ड में शामिल ना हो सके। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उनके सेल में मिलने के कई लोग आते थे। इनमें मामले में शामिल सह अभियुक्त भी थे। कमेटी ने जेल नियमावली के खिलाफ बताया। इसमें कहा गया है कि जैन से मिलने उनके परिजन भी अक्सर पहुंचते थे और अधिकारियों की सहमति और जानकारी के बगैर जेल में ऐसा संभव नहीं है।
रिपोर्ट में जेल के तत्कालीन डीजी संदीप गोयल पर जैन को वीआईपी सुविधाएं मुहैया करवाने का आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की भी सिफारिश की गई है। कमेटी ने बताया कि कैसे तिहाड़ के डीजी संदीप गोयल जैन को कैसे और क्या-क्या सुविधाएं मुहैया की गईं।