दिल्ली न्यूज़: धन्वंतरी पर सोने-चांदी के जेवरात समेत अन्य सामान की जमकर खरीदारी हुई। एक अनुमान के अनुसार करीब 5 हजार करोड़ का कारोबार हुआ और दिवाली तक एक लाख करोड़ के व्यापार की उम्मीद है। दिल्ली के जूलरी मार्केट में जमकर सोने-चांदी की खरीदारी हुई तो वहीं डिप्टी गंज मार्केट में स्टील, पीतल, ब्रास के बर्तनों की खरीदारों का ताता नहीं टूट रहा था। इसी तरह दिल्ली के छोटे से बड़े जूलरी और बर्तन की दुकानें पर भीड़ उमड़ी रही। धनतेरस पर दिल्ली के बाजार गुलजार रहे। सोने-चांदी की तो जमकर बिक्री हुई। एक अनुमान के अनुसार दिल्ली एनसीआर में रविवार तक 100 टन सोने की बिक्री होने की उम्मीद है। शनिवार को ही करीब 70 टन सोना बिक गया। इस दिन खास तौर पर सोना चांदी के आभूषण के साथ ही सभी प्रकार के बर्तन, रसोई का सामान की खरीदारी जमकर हुई। सोना-चांदी, हीरे की जमकर खरीदारी हुई।
सोने के सिक्के, नोट एवं मूर्तियों को भी धनतेरस पर बड़ी मात्रा में खरीदारी हुई। चांदनी चौक, दरीबा कलां, मालीवाड़ा, सदर बाजार, कमला नगर, अशोक विहार, मॉडल टाउन, शालीमार बाग, वजीरपुर, पितामपुरा, राजौरी गार्डन, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, ग्रीन पार्क, लाजपत नगर, प्रीत विहार, शाहदरा एवं लक्ष्मी के बाजार गुलजार रहा। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार धनतेरस का त्योहार दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों के लिए माल की बिक्री का एक बड़ा दिन है। इस बार कुछ लोग शनिवार को तो कुछ रविवार को भी धनतेरस मनाएंगे। लिहाजा उम्मीद है कि रविवार तक 100 टन सोना इन जगहों से बिक जाएगा।
25-30 फीसदी अधिक खरीदारी: व्यापारियो के अनुसार इस साल 25-30 प्रतिशत अधिक की खरीदारी हुई। सदर बाजार का डिप्टी गंज मार्केट धनतेरस पर स्टील, पीतल, क्रांकरी बर्तन की जमकर खरीदारी हुई। महंगाई के बावजूद लोगों की भीड़ खरीदारी में जुटी रही।
एक लाख करोड़ तक कारोबार होने की उम्मीद: सीआईटी के अध्यक्ष वृजेश गोयल गोयल के अनुसार दिवाली तक कारोबार करीब एक लाख करोड़ तक होने की उम्मीद है। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव प्रेम प्रकाश शर्मा ने बताया कि कूंचा महाजनी में सोने के सिक्के की जमकर खरीदारी हुई। इसके साथ ही चांदी के फैंसी गिफ्ट के साथ भगवान की मूर्तियां भी खूब बिकी। इससे यह भी पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में बहुत ही बेहतर स्थिति में है।
बर्तनों की जमकर खरीदारी: शनिवार को बर्तनों की दुकानों पर सबसे ज्यादा भीड़ रही। दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानों के बाहर डिस्प्ले लगाया हुआ था। दुकानदारों ने कहा कि रविवार को भी बेहतर व्यापार की उम्मीद है। बर्तनों की खरीदारी करने पहुंची उषा ने बताया कि धनतेरस पर बर्तन या आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है, इससे घर में सुख समृद्धि आती है, लोग इस दिन झाड़ू भी खरीदते हैं।
ढाई सौ करोड़ रुपये से रोशन होगा दीपोत्सव: घरों को रोशन करने की तैयारी इस दीपावली जोरो पर है। इलेक्ट्रॉनिक लाइट के साथ ही धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार हर घर में दीपक जलेंगे। इस साल करीब ढाई सौ करोड़ रुपये से घर रोशन होंगे। इसे रोशन करने के लिए 15 लाख लीटर के सरसों व तिल का तेल खर्च होगा। इसके अलावा मंदिरों में सैकड़ों दीये जलाए जाएंगे। इलेक्ट्रॉनिक लाइट से पूरी दिल्ली जगमगा रही है। अब बारी दीपावली के दिन घरों को पारंपरिक दीये से रौशन करने की है। रविवार की शाम दिल्ली के करीब 30 लाख घरों में दीपक जलेंगे। 2011 की जनगणना व आर्थिक सर्वे के आंकड़े के अनुसार दिल्ली में 47 लाख घर है जिसमें 40 लाख रिहायश के तौर पर इस्तेमाल हो रहे है। इनमें 20 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यकों की है। आंकड़े बताते है कि 32 लाख हिंदुओं के घर है। इनमें अगर 2 लाख प्रवासी भारतीय त्योहारों में घर भी चले गए है तो 30 लाख घर व चौबारे दीये की रोशनी में नहाएंगे। इनमें अगर न्यूनतम प्रति घर 25 दीये भी जलते है तो ढाई सौ करोड़ रुपये के तेल का खर्च आएगा।
एक छोटे दीपक जलाने में करीब 10 मिली लीटर का उपयोग अमूमन होता है। बड़े दीपक में 50 मिली लीटर के करीब तेल की खपत होती है। इस हिसाब से देखें तो 30 करोड़ घरों में अगर 25-25 दीये भी जलते है तो प्रति घर 500 रुपये की खपत है। इससे अधिक दीये जलाने पर कम से कम 1 लीटर तेल की खपत होती है। बाजार में डेढ़ सौ रुपये कम से कम प्रति लीटर तेल मिल रहा है। ऐसे में इस दिवाली ढाई सौ करोड़ रुपये के तेल से घर रोशन होंगे।