दिल्ली न्यूज़: दिल्ली नगर निगम कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में कई कार्य कर रही है, लेकिन लैंडफिल साइटों पर कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के समानांतर निगम के सामने नए कचरे का प्रबंधन करना भी बड़ी चुनौती है। निगमायुक्त ज्ञानेश भारती का कहना है कि लैंडफिल साइट्स से लीगेसी वेस्ट को निरंतर कम किया जा सके और इसमें बढ़ोतरी नहीं हो, इसके लिए बायोमाइनिंग की कार्य शुरू किया है इसके लिए दिल्ली नगर निगम द्वारा अपनी तीनों लैंडफिल साइट्स पर ट्रॉमल मशीेन तैनात की गई है। उन्होंने बताया कि लीगेसी वेस्ट की बायोमाइनिंग प्रक्रिया के दौरान निकलने वाली इनर्ट को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दिया जा रहा है, जिसको उनके द्वारा सड़कों के निर्माण में प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा बायोमाइनिंग के पश्चात निकलने वाली इनर्ट मिट्टी को नागरिको एजेंसियों व ठेकेदारों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा आरडीएफ रिफ्यूज ड्राइव्ड फ्यूल को सीमेंट कंपनी को आपूर्ति की जा रही है, जिसे वो अपनी भट्टियों में जलाकर सीमेंट उत्पादन में प्रयोग कर रही है। इसके साथ ही सी एंड वेस्ट से दिल्ली नगर निगम द्वारा उपयोगी उत्पादों का निमाज़्ण किया जा रहा है।
पूराने कचरें के निपटान के लिए तीन डंप साइटों के लिए एकीकृत निविदा आमंत्रित की गई है। निगमायुक्त ने बताया कि अगले महिने तहखंड डमें 25 मेगावाट की क्षमता के बिजली संयत्र का उद्घाटन किया जा रहा है। नए कचरे से ऊजाज़् संयंत्र नरेला- बवाना निविदा के अधीन है और गाजीपुर में योजना चरण में है।