दिल्ली HC के आदेश के खिलाफ फ्यूचर समूह की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) के आपातकालीन अवार्ड (ईए) में हस्तक्षेप करने से इनकार करने वाले मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले पर रोक लगाने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ फ्यूचर ग्रुप कंपनियों की ओर से दायर याचिकाओं के एक समूह अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायाधीश एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर चार विशेष अनुमति याचिकाओं (एसएलपी) पर फैसला सुरक्षित रख लिया। पीठ ने कहा, 'हमारे लिए ढेर सारा होमवर्क है। वैसे हम लंबा फैसला नहीं लिखेंगे।'
शुरुआत में पीठ ने अमेजन और फ्यूचर समूह की कंपनियों के वकीलों को सुझाव दिया कि दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ को अंतिम मध्यस्थ अवार्ड के खिलाफ फ्यूचर समूह की वैधानिक अपीलों को सुनने की अनुमति दी जानी चाहिए।
पीठ ने कहा कि याचिकाएं, जो ईए के फैसले से उत्पन्न हो रही हैं और उसके समक्ष लंबित हैं, अब प्रासंगिक नहीं हो सकती हैं क्योंकि एसआईएसी का अंतिम निर्णय पहले ही पारित हो चुका है। पीठ ने कहा, 'आपके (फ्यूचर ग्रुप) पहले एसएलपी जिसमें जस्टिस जेआर मिधा (दिल्ली हाईकोर्ट) के आदेश को चुनौती दी गई है, हमने कहा था कि उस आदेश का कोई कार्यान्वयन नहीं होगा। हमने दिल्ली हाईकोर्ट को इस मामले की सुनवाई नहीं करने के लिए कभी नहीं कहा था।
दरअसल फ्यूचर समूह ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया गया था। मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) की ओर से सुनाए गए आपात निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार किया था।