येरा गांगी की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट लगाई रोक, आंध्रा के पूर्व मंत्री की हत्या का चल रहा है मामला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या के आरोपी येरा गांगी रेड़्डी को 01 जुलाई को जमानत पर रिहा करने के तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। विवेकानंद रेड्डी की पुत्री सुनीता नरेड्डी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और पी.एस. नरसिम्हा कि खंडपीठ को बताया कि सीबीआई अपने जवाब में दो बातें कही हैं: सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च न्यायालय के पास जमानत देने की कोई शक्ति नहीं है और यह एक बुरी मिसाल है।
इस सप्ताह की शुरुआत में सुनवाई के अंतिम दिन अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व करते हुए शीर्ष अदालत से कहा था, हमने ऐसा कभी नहीं सुना है कि एक आदेश जो जमानत को रद्द करता है, वही जमानत की अनुमति देता है। यह कैसे संभव है? यह स्वाभाविक रूप से विरोधाभासी है।
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश का ऑपरेटिव पार्ट जिसने हैदराबाद की सीबीआई अदालत को याचिकाकर्ता को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और एक-एक लाख रुपये के दो बांड पर 1 जुलाई 2023 को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया, सुनवाई की अगली तारीख तक उस पर रोक रहेगी। येरा गंगी रेड्डी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी अदालत में पेश हुए।
शीर्ष अदालत सुनीता नरेड्डी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जमानत रद्द करने की याचिका की अनुमति देते हुए टी. गांगी रेड्डी उर्फ येरा गांगी रेड्डी को सशर्त जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को सीबीआई और आरोपियों को नोटिस जारी किया था।