दिल्ली में प्रदूषण पर बढ़ी सख्ती, बिना PUC सर्टिफिकेट के नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

राजधानी दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार दो बड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है।

Update: 2021-12-27 04:22 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार दो बड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है। पहला, बिना पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) वाले वाहनों को डीजल-पेट्रोल की बिक्री नहीं की जाएगी। दूसरा, जोमैटो, स्विगी, ओला, उबर जैसी कंपनियों को निर्देश जारी किए जाएंगे कि वे अपने वाहनों को जल्द से जल्द ई-वाहनों में तब्दील करें।

दिल्ली सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों, खाद्य वितरण सेवाओं और कैब वाहनों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील करने और पेट्रोल पंपों को पीयूसी प्रमाण पत्र के बिना वाहनों को ईंधन नहीं देने के लिए कहने जा रही है। गौरतलब है दिल्ली के वायु प्रदूषण में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का हिस्सा लगभग 38 प्रतिशत है।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि हम जोमैटो, स्विगी, ओला, उबर आदि कंपनियों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने के लिए कहेंगे। सरकार के अनुसार दिल्ली में पंजीकृत कुल वाहनों का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा सेवा मुहैया कराने वाले वाहनों का है। इनमें खाद्य पदार्थ आपूर्ति से लेकर अन्य प्रकार के वाहन शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि हम डीलरों और पेट्रोल पंपों को बिना पीयूसी के वाहनों को ईंधन की आपूर्ति नहीं करने का निर्देश देने पर भी विचार कर रहे हैं।
इस संबंध में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत निर्देश इसी सप्ताह जारी होने की उम्मीद है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, वाहनों को ई-वाहन में तब्दील करने का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
10 साल पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द होगा
एनजीटी के निर्देशों के अनुपालन में दिल्ली सरकार एक जनवरी को 10 साल पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर देगी और एनओसी जारी करेगी ताकि उन्हें अन्य स्थानों पर फिर से पंजीकृत किया जा सके। हालांकि, एक अन्य आदेश के अनुसार, डीजल वाहनों के लिए कोई एनओसी जारी नहीं की जाएगी, जिन्होंने इसके लिए आवेदन करने की तारीख को 15 साल या उससे अधिक समय पूरा कर लिया है।
एक हजार से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किए गए
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में एक हजार से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अक्तूबर में सरकार ने पीयूसी प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इस उद्देश्य के लिए पेट्रोल पंपों पर 500 टीमों को तैनात किया। इस दौरान वैध पीयूसी नहीं रखने वाले वाहन मालिकों पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया। वाहन मालिकों के लिए वाहनों का परीक्षण करवाना आवश्यक है कि वाहन कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड जैसे उत्सर्जन मानकों को पूरा करते हैं।
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