गाजियाबाद जिला प्रशासन का सख्त रुख, 40 बकायेदार बिल्डरों की 500 करोड़ की संपत्ति की होगी ई-नीलामी
गाजियाबाद जिला प्रशासन ने शासन से हरी झंडी मिलने के बाद 40 बकायेदार बिल्डरों की करीब 500 करोड़ की संपत्ति की ई-नीलामी करने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण को पत्र भेज दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गाजियाबाद जिला प्रशासन ने शासन से हरी झंडी मिलने के बाद 40 बकायेदार बिल्डरों की करीब 500 करोड़ की संपत्ति की ई-नीलामी करने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण को पत्र भेज दिया है। तीनों प्राधिकरण अपने क्षेत्रों में बिल्डरों की इन संपत्तियों की ई-नीलामी कर उनसे बकाये की वसूली करेंगे।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि ई-नीलामी के प्रस्ताव को कैबिनेट में हरी झंडी मिलने के बाद अब शासन से इसके संबंध में अन्य निर्देश भी उन्हें मिल गए हैं। इसके बाद उन्होंने तीनों प्राधिकरणों के अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वह इन 40 बकायेदार बिल्डरों की जब्त संपत्ति की ई-नीलामी कराकर बकाये की वसूली करें। जिस प्राधिकरण के क्षेत्र में जिस बिल्डर की जो संपत्ति होगी उसकी नीलामी संबंधित प्राधिकरण करेगा और उससे मिलने वाली रकम को जमा कराया जाएगा।
इस नीलामी में सबसे बड़ा झटका सुपरटेक ग्रुप को लगेगा। एक अरब 24 करोड़ से अधिक के बकायेदार सुपरटेक ग्रुप की 69 विला और सेक्टर 61 में स्थित शॉप्रिक्स मॉल की 35 दुकानें जिला प्रशासन जब्त कर चुका है। एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि ई-नीलामी में इन विला और दुकानों के साथ ही अन्य 40 बिल्डरों की जब्त संपत्ति को भी लगाया जाएगा। यह प्रदेश में पहली बार होगा जब बकायेदार बिल्डरों की जब्त संपत्ति की ई-नीलामी कराकर बकाये की वसूली की जाएगी।
लोगों का कहना है कि बिल्डरों द्वारा मनमानी की जाती है। निर्धारित समय पर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू नहीं किया जाता है। इस कारण उन्हें अपने जीवन भर की कमाई बिल्डरों को देने के बाद भी सपनों का आशियाना नहीं मिल पाता है। ऐसे बिल्डरों के खिलाफ सुनवाई के बाद उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) वसूली प्रमाण पत्र (आरसी) जारी की जाती है। कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन बिल्डरों के बैंक खाते सीज करने के साथ ही उनकी अचल संपत्ति को भी जब्त करता है। बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए अब जब्त संपत्तियों के ई नीलामी की जाएगी।