दिल्ली न्यूज़: दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के बीच की राह आसान करने के लिए बनाए जा रहे एलिवेटेड बारापुला कॉरिडोर फेज-3 के लिए किसानों की करीब 34 हजार वर्ग मीटर भूमि मिलने का रास्ता साफ हो गया है। लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव एच राजेश प्रसाद ने किसानों की भूमि के चलते अटकी परियोजना को लेकर दक्षिण-पूर्वी की जिलाधिकारी ईशा खोसला के साथ बैठक की और भूमि को जल्द अधिग्रहीत कर विभाग को सौंपने को कहा। इस दौरान तय हुआ कि दक्षिण-पूर्वी जिला प्रशासन 15 जुलाई तक किसानों की 30 हजार वर्ग मीटर भूमि को अधिग्रहीत कर लोक निर्माण विभाग को सौंप देगा। बाकी की 4 हजार वर्ग मीटर भूमि 15 सितंबर तक मिल जाएगी। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ अनंत कुमार ने कहा कि परियोजना के बाकी बचे काम को मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। अभी इसका 80 फीसद से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। बारापुला फेज-3 कॉरिडोर के पूरा होने से लोग मयूर विहार से लेेकर एम्स तक सिग्नल फ्री यात्रा कर सकेंगे। करीब 9 किलोमीटर तक कोई लालबत्ती नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने इस परियोजना के लिए चालू वित्त वर्ष में 100 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की है। बता दें कि अभी सराय काले खां से एम्स तक दो फेज में एलिवेटेड बारापुला कॉरिडोर बना हुआ है।
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने अगस्त 2021 में किसानों की 34,526 वर्ग मीटर भूमि के टुकड़े को केंद्रीय भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और उचित मुआवजा अधिनियम-2013 की सेक्शन 19 (1) के अनुसार अधिग्रहीत करने के लिए गजट अधिसूचना जारी की थी। लेकिन जिला प्रशासन अब तक भूमि को अधिग्रहीत कर नहीं पाया है। इसे लेकर पीडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव ने कड़ा रूख अपनाया है। पीडब्ल्यूडी किसानों को भूमि का मुआवजा देने के लिए जिला प्रशासन को पहले ही धनराशि जारी कर चुका है। पीडब्ल्यूडी को जमीन मिलने पर भूमि के इस टुकड़े पर करीब 40 पिलर बनाने हैं। फाउंडेशन और स्लैब के पूरे प्रोसेस में करीब एक साल का वक्त लगेगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे आवागमन के लिए खोलने से रोजाना हजारों लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा और लोग मयूर विहार से लेेकर एम्स तक लालबत्ती के बिना आसानी से अपना सफर पूरा कर सकेंगे।
परियोजना में इसलिए हुई देरी: परियोजना पर काम शुरू होने से पहले डीडीए से जमीन के लिए बात हुई तो डीडीए ने कहा था कि पूरी भूमि उसके पास है। कोई अड़चन नहीं होगी। मगर काम शुरू होने पर यमुना में खेती कर रहे किसानों ने विरोध किया और काम नहीं होने दिया। पुराने दस्तावेजों को देखा गया तो पता चला कि परियोजना के बीच आ रही भूमि का 34,526 वर्ग मीटर भाग डीडीए के पास नहीं है। किसानों ने अपनी भूमि के लिए सरकार से भारी कीमत मांगी,लेकिन इसके लिए लोक निर्माण विभाग तैयार नहीं हुआ। आखिरकार भूमि को अधिग्रहीत करने के लिए अधिसूचना जारी की गई।
बारापुला फेज-1, 2 और 3 कॉरिडोर की कुल लंबाई 9.5 किमी
फेज-1 सराय काले खां से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 4 किमी
फेज-2 जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से आईएनए 2 किमी
फेज-3 सराय काले खां से मयूर विहार 3.5 किमी
परियोजना का शिलान्यास 24 दिसम्बर 2014 में किया गया
जून 2017 तक काम पूरा होना था
मार्च 2023 परियोजना के पूरा होने की नई डेडलाइन
अनुमानित लागत 1260 करोड़