Dehli: महिलाओं का सम्मान शब्दों में नहीं बल्कि व्यवहार में होना चाहिए

Update: 2024-09-06 03:54 GMT

दिल्ली Delhi: किसी भी समाज में महिलाओं की स्थिति को उसके विकास का महत्वपूर्ण मानदंड बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा Murmu said on Thursday कि शिक्षकों और अभिभावकों की यह जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को इस तरह शिक्षित करें कि वे हमेशा महिलाओं की गरिमा के अनुरूप आचरण करें। शिक्षक दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में देश भर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान केवल ‘शब्दों’ में नहीं बल्कि ‘व्यवहार’ में भी होना चाहिए। राष्ट्रपति ने शिक्षकों और विद्यार्थियों को वैश्विक सोच और विश्वस्तरीय कौशल रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘‘महान शिक्षक महान राष्ट्र का निर्माण करते हैं। विकसित सोच वाले शिक्षक ही ऐसे नागरिक तैयार कर सकते हैं जो विकसित राष्ट्र का निर्माण करेंगे।’’ उन्होंने विश्वास जताया कि छात्रों को प्रेरित करके शिक्षक भारत को दुनिया का ज्ञान केंद्र बनाएंगे।

उन्होंने शिक्षकों से कहा कि उनके विद्यार्थियों की पीढ़ी generation of students विकसित भारत का निर्माण करेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षकों को ऐसे नागरिक तैयार करने होंगे जो न केवल शिक्षित हों बल्कि संवेदनशील, ईमानदार और उद्यमी भी हों उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षा व्यवस्था की सफलता में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षण केवल नौकरी नहीं है। यह मानव विकास का पवित्र मिशन है। अगर कोई बच्चा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है, तो शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की जिम्मेदारी और भी बड़ी होती है। उन्होंने बताया कि अक्सर शिक्षक केवल उन्हीं छात्रों पर विशेष ध्यान देते हैं, जो परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। हालांकि, उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन उत्कृष्टता का केवल एक आयाम है। कोई बच्चा बहुत अच्छा खिलाड़ी हो सकता है; किसी बच्चे में नेतृत्व कौशल हो सकता है; कोई बच्चा सामाजिक कल्याण गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लेता हो। शिक्षक को प्रत्येक बच्चे की स्वाभाविक प्रतिभा को पहचानना और उसे बाहर निकालना होता है।

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