राष्ट्रपति भवन के कर्मचारी मतदाताओं ने मतदाता सूची में नाम न होने की किया शिकायत

Update: 2024-05-26 07:33 GMT

नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन के कर्मचारी यूनुस सलीम और अजीम खान राष्ट्रपति सम्पदा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में अपने मताधिकार का प्रयोग करने गए, लेकिन उन्हें पता चला कि उनके नाम मतदाता सूची से गायब हैं। अजीम खान की पत्नी शकीला खान ने कहा, मेरे पति का नाम सूची से गायब है। मैंने अपना वोट डाल दिया है और मेरे बच्चों ने भी वोट डाल दिया है।नयी दिल्ली। दिल्ली में शनिवार को कुछ मतदाताओं के लिए लोकसभा चुनाव में मतदान का उत्साह कुछ ही देर के लिए रहा क्योंकि उनके नाम मतदाता सूची से गायब थे, जबकि उन्होंने दस्तावेज सही होने का दावा किया। राष्ट्रपति भवन के कर्मचारी यूनुस सलीम और अजीम खान राष्ट्रपति सम्पदा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में अपने मताधिकार का प्रयोग करने गए, लेकिन उन्हें पता चला कि उनके नाम मतदाता सूची से गायब हैं। अजीम खान की पत्नी शकीला खान ने कहा, मेरे पति का नाम सूची से गायब है। मैंने अपना वोट डाल दिया है और मेरे बच्चों ने भी वोट डाल दिया है।

अजीम खान ने कहा, हम देश में बदलाव के लिए वोट करने आए थे, लेकिन मेरा नाम सूची में नहीं था। केवल मेरा नाम गायब था, जबकि मेरे परिवार के सदस्यों के नाम सूची में थे। मेरे पास वैध दस्तावेज हैं। हम लोकतंत्र में अपने अधिकार का प्रयोग नहीं कर सके। सलीम ने अपना आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र दिखाया। उन्होंने कहा, मैंने 2022 के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में अपना वोट डाला था। ऐसा कैसे हुआ कि मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं है? हम यहां कर्मचारी हैं। उत्तर-पश्चिम दिल्ली के शाहनवाज अहमद की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। उन्हें जहांगीरपुरी के एक मतदान केंद्र पर वोट डाले बिना लौटना पड़ा।
अहमद के साथ उनकी एक महिला रिश्तेदार भी मतदान केंद्र पर गई थीं, जो अपना नाम सूची में होने के चलते वोट डाल सकीं। अहमद ने कहा, मैं अपना आधार कार्ड साथ लेकर आया हूं। यहां के मतदान एजेंट कह रहे हैं कि मैं वोट नहीं दे सकता, क्योंकि मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं है। दिल्ली के सभी सात लोकसभा क्षेत्रों में शनिवार को सात चरणों में होने वाले चुनाव के छठे चरण में मतदान हुआ। अधिकारियों के अनुसार, कुल 1.52 करोड़ मतदाता - 82 लाख पुरुष, 69 लाख महिलाएं और 1,228 थर्ड जेंडर मतदाता - निर्वाचन क्षेत्रों में स्थापित 13,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र थे।
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