राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी की जेल से रिहाई, 6 आरोपी को अब भी उम्रकैद की सजा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे ,सात दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन (AG Perarivalan) को 9 मार्च को जमानत दे दी गई. आज पुझल सेंट्रल जेल से उन्हें रिहा कर दिया गया है. शीर्ष कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि की शर्तो पर पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था. जमानत के दौरान वह हर महीने के पहले सप्ताह में चेन्नई के नजदीकी थाने में रिपोर्ट करेंगे. पेरारिवलन को राजीव गांधी हत्याकांड में फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे देरी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में उम्रकैद में तब्दील कर दिया था.
पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें सीबीआई की मल्टी डिसिप्लीनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) की जांच पूरी होने तक उम्रकैद की सजा निलंबित करने की मांग की गई है. बुधवार को जस्टिस एल. नागेश्वर राव और बीआर गवई की पीठ ने पेरारिवलन की याचिका का निपटारा होने तक उसे जमानत देते हुए कहा कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि याचिकाकर्ता दोषी 32 वर्ष का कारावास भुगत चुका है. उसे तीन बार पैरोल पर छोड़ा गया, उस दौरान भी उसके आचरण को लेकर कोई शिकायत नहीं आई.
पेरारिवलन की जमानत का केंद्र सरकार ने किया विरोध
कोर्ट ने कैद के दौरान उसके आचरण के संबंध में पेश रिकॉर्ड, उसकी शिक्षा और कारावास के दौरान खराब सेहत को ध्यान में रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार के कड़े विरोध के बावजूद वह जमानत पाने का अधिकारी है. कोर्ट ने कहा कि पेरारिवलन की याचिका पर केंद्र के रुख के आधार पर अगले माह से सुनवाई होगी. केंद्र सरकार ने पेरारिवलन की जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि वह अभी पैरोल पर है और जेल मैनुअल के हिसाब से उसे पैरोल आदि मिल सकती है. ऐसे में कोर्ट को जमानत नहीं देनी चाहिए. केंद्र की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल ने कहा कि उस पर केंद्रीय कानूनों के तहत मुकदमा चला था और केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने केस की जांच की और अभियोग चलाया. ऐसे में राज्यपाल को माफी देने का अधिकार नहीं है, बल्कि यह अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति को है.
1991 में हुई थी राजीव गांधी की हत्या
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में मानव बम धनु ने विस्फोट कर हत्या कर दी थी. इस धमाके में कुल 18 लोगों की जानें गईं थी. धमाका इतना जोरदार था कि राजीव के परखच्चे उड़ गए थे. उन्हें उनके पैर में पहने जूते और कलाई पर बंधी घड़ी से पहचाना गया था. राजीव की हत्या के लिए पूरी साजिश रची गई थी, जिसमें लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण और कई लोगों का हाथ था.