यूरिया चोरी करने वाले उद्योगों पर छापेमारी, 35 हजार बोरी बरामद
खेती में उपयोग होने वाली यूरिया का एक बड़ा हिस्सा अभी भी विभिन्न उद्योगों में चोरी से उपयोग किया जा रहा है।
नई दिल्ली। खेती में उपयोग होने वाली यूरिया का एक बड़ा हिस्सा अभी भी विभिन्न उद्योगों में चोरी से उपयोग किया जा रहा है। जबकि यूरिया के नीम कोटेड करने से इसके औद्योगिक इस्तेमाल की आशंका की खत्म माना जा रहा था। लेकिन उद्योगों में नीम कोडेट यूरिया की भारी बरामदगी से साफ हो गया है कि इसका भी तोड़ निकाल लिया गया है। केंद्रीय फर्टिलाइजर मंत्रालय ने इसके खिलाफ देशव्यापी अभियान छेड़ दिया है।
यूरिया चोरी करने वाले ऐसे उद्योगों को चिन्हित कर छापे की कार्रवाई तेज कर दी गई है। मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक देश के दस राज्यों में विशेष टीमें (फ्लाईंग स्क्वायड) जगह-जगह छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। इस दौरान 35 हजार बोरी यूरिया बरामद की गई है। छापेमारी की कार्रवाई पिछले डेढ़ महीने से चल रही है।
खेती वाली अति रियायती दर वाली यूरिया की चोरी के मामले में अब तक छह लोगों को जेल भेज दिया गया है। जबकि आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मंत्रालय की ओर से बताया गया इन उद्योगों में यूरिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।उन्होंने बताया कि कपड़ा व चमड़ा रंगाई, प्लाईवुड, कैटल फीड और टेक्सटाइल्स समेत कई और सेक्टर में यूरिया की तकरीबन 12 से 15 लाख टन की खपत होती है। इसके मुकाबले इस सेक्टर के उद्योगों ने यूरिया का कुल आयात मात्र 2.5 लाख टन किया है। इसी बात से यूरिया चोरी की आशंका को बल मिला है। इसी आधार पर फ्लाईंग स्क्वायड बनाकर छापेमारी व जांच की कार्रवाई शुरु की गई है।
दरअसल प्रति बोरी यूरिया की कीमत 2500 रुपए बैठती है, जिसे किसानों को प्रति बोरी यूरिया मात्र 266 रुपए में दी जाती है। छापे व जांच की पूरी प्रक्रिया में जीएसटी विभाग पूरी मदद कर रहा है। करोड़ों रुपए की जीएसटी के घोटाले भी पकड़े जा रहे हैं। यूरिया की चोरी करने वाले उद्योगों को चिन्हित कर कार्रवाई शुरु हो गई है।फिलहाल देश के 10 राज्यों हरियाणा, केरल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु में छापेमारी की जा रही है। यूरिया का उपयोग करने वाले चिन्हित उद्योगों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं कि आखिर उनके यहां यूरिया कहां से और किस मूल्य पर मंगाई जाती है।
इन दस राज्यों में से छह ऐसे राज्य हरियाणा, केरल, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात और उत्तर प्रदेश है, जहां की 52 औद्योगिक इकाइयों से यूरिया चोरी पक़ड़ी गई है। इन राज्यों में रेजिन, ग्लू, प्लाईवुड, कैटल फीड, क्राकरी और मोल्डिंग पाउडर जैसे उद्योग में यूरिया का धड़ल्ले से नीम कोटेड यूरिया का इस्तेमाल किया जा रहा था।यूरिया की चोरी में ऐसी फर्टिलाइजर इकाइयां भी शामिल हैं, जिन्हें मिश्रित फर्टिलाइजर बनाने का लाइसेंस मिला था जो आठ राज्यों में स्थित हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में है। मिश्रित फर्टिलाइजर के लिए वहां जाने वाली यूरिया को कहीं और बेच दिया जाता था। ऐसी 25 इकाइयां का लाइसेंस तत्काल रद कर दिया गया। वहां तैयार फर्टिलाइजर क्वालिटी टेस्ट में फेल हुए हैं।