दिल्ली वालों को लोकल पुलिसिंग के गुर सीखने के तैयारी: दिल्ली पुलिस

Update: 2022-07-12 07:38 GMT

दिल्ली न्यूज़: दिल्ली पुलिस दिल्ली वालों को लोकल पुलिसिंग के गुर सिखाने की योजना पर काम कर रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत थाना ग्रेटर कैलाश-1 के आरडब्ल्यूए व बाजारों में तैनात सुरक्षा गार्डों से की गई है। इनको आगंतुकों के साथ बातचीत के लहजे, तलाशी के तरीके से लेकर संदिग्ध व्यक्ति व वस्तु की पहचान करने के गुर सिखाए जा रहे हैं। पुलिस का मानना है कि सुरक्षा गार्डों की मदद से इलाके सुरक्षा सुनिश्चित करना ज्यादा कारगर साबित होगा। जीके-1 के प्रोजेक्ट की कामयाबी के बाद इसे पहले दक्षिणी जिले में लागू किया जाएगा। इसके बाद पूरी दिल्ली में इसका विस्तार होगा। दक्षिण जिले की ग्रेटर कैलाश-1 थाना पुलिस ने प्रहरी सजगता अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत ग्रेटर कैलाश-एक थाना इलाके में स्थित आरडब्ल्यूए के सुरक्षा गार्डों व प्राइवेट लोगों के सुरक्षा गार्डों को जोड़ा जाएगा। इनको लोकल पुलिसिंग के तौर तरीके सिखाए जाएंगे।

दक्षिण जिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभियान के तहत प्रशिक्षण रविवार से शुरू कर दिया गया है। ग्रेटर कैलाश-1 में कुल 12 आरडब्ल्यूए हैं। इनमें तथा इनसे जुड़े बाजारों में प्राइवेट लोगों को मिलाकर कुल 170 से ज्यादा सुरक्षा गार्ड हैं। इन सुरक्षा गार्डों में से 15-15 लोगों की शिफ्ट बनाई गई है। सभी को ग्रेटर कैलाश थाने में दिन में एक-एक घंटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कमांडों ट्रेनिंग लेकर चुके थानाध्यक्ष अजीत कुमार व अन्य प्रशिक्षित पुलिसकर्मी सुरक्षा गार्डों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। प्रशिक्षित पुलिसकर्मी भी सुरक्षा गार्डों को ट्रेनिंग देंगे। सभी सुरक्षा गार्डों को 15-15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी।

ट्रेनिंग में ये सिखाया जाएगा:

कॉलोनी में घुसने से पहले आगंतुक को कैसे रोका जाए

आने वाले व्यक्ति से कैसे बात की जाए

किस तरह से उसकी तलाशी ली जाए

संभावित जगह जहां तलाशी लेनी चाहिए

संदिग्ध व्यक्ति को रोकने व पकड़ने का तरीका

संदिग्ध को पकड़ने के बाद कैसे पुलिस को सूचना देनी है

वाहनों की चेकिंग कैसे की जाए

आगंतुकों का रजिस्टर में रिकार्ड कैसे रखा जाए

सुरक्षा गार्डों को सभी के नंबर दिए जाएंगे

दक्षिण जिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि ट्रेनिंग लेने वाले सभी सुरक्षा गार्डों को थानाध्यक्ष, बीट अफसर व थाने का नंबर दिया जाएगा। उन्हें ये बताया जाएगा कि किसी भी तरह की वारदात होने पर या फिर किसी संदिग्ध के पकड़ में आने के बाद कैसे पुलिस को सूचित करें। उनका नंबर भी गुप्त रखा जाएगा। 

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