पटाखों पर राजनीति तेज, केजरीवाल के मंत्री बोले- BJP ने धर्म के नाम पर लोगों को उकसाया

Update: 2021-11-05 10:06 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली में दिवाली के बाद जैसे-जैसे प्रदूषण का ग्राफ बढ़ा है, उसी तरह अब इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दिवाली के बाद हुए प्रदूषण के लिए एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. बीजेपी का कहना है कि दिल्ली की AAP सरकार प्रदूषण से निपटने के ठीक उपाय नहीं करती. वहीं AAP का कहना है कि बीजेपी ने धर्म के नाम पर पटाखे फोड़ने के लिए लोगों को उकसाया.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह भी कहा कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. इसके पीछे दो कारण है. एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं. 3,500 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं. इसके अलावा कुछ लोगों ने दीपावली पर जानबूझकर पटाखे जलाए जिसके कारण भी AQI स्तर बढ़ा है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पटाखे फूटने के लिए सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा दिया है.
भाजपा के नेताओं ने हर समय बयान दिए कि पटाखे जलाने से कुछ नहीं होता है, यह धर्म और त्योहार का मामला है. अब सभी वैज्ञानिक कह रहे हैं कि पटाखों से प्रदूषण होता है. दो दिन पहले हवा की जो गुणवत्ता थी, वह आज नहीं है.
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि मंत्री गोपाल राय के लगातार दिये जा रहे पटाखा विरोधी बयान उनकी 'ओरंगजेबी सोच' के प्रमाण हैं. दिल्ली की जनता ने कल रात पटाखे जला कर इसी ओरंगजेबी सोच को झटका दिया है.
शंकर कपूर बोले कि वायु एवं जल दोनों प्रदूषणों को काबू में रखने में विफल अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक रात के पटाखों को वायु प्रदूषण का तो यमुना किनारे छठ पूजा को यमुना के जल प्रदूषण का दोषी बता कर अपनी ओरंगजेबी सोच का परिचय दिया है. वह बोले कि दिल्ली के लोग मंत्री गोपाल राय को इस हिन्दू त्यौहार विरोधी मानसिकता के लिए कभी क्षमा नही करेंगे.
इससे पहले कपिल मिश्रा ने आप नेता संजय सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा था कि पटाखे पूरे देश और दुनिया में चले, पलूशन सिर्फ दिल्ली में हुआ क्यों? क्योंकि दिल्ली की भ्रष्ट और हिन्दू विरोधी केजरीवाल सरकार को पॉल्युशन नहीं रोकना, दीवाली रोकनी है.
दिल्ली-NCR में हाल इतने बुरे थे कि जो 2.5 का पलूशन मीटर (PM) आमतौर पर 250-300 के आसपास रहता है वह गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक 999 पर था. इस दौरान की हवा को बिल्कुल जहराली मान लीजिए. अभी एक दो दिन और इससे राहत मिलने वाली नहीं है.
सरकारी डेटा के मुताबिक, गुरुवार तक पराली और कूड़े जलने से होने वाले धुएं की प्रदूषण में हिस्सेदारी 30 फीसदी तक थी. अब दिवाली को पटाखे जले, इससे प्रदूषण में इजाफा हो गया. अब जब शनिवार या रविवार शाम के बाद हवाओं की रफ्तार तेज होगी तब प्रदूषक विशेष रूप से कण पदार्थ (पीएम2.5 और पीएम10) इधर उधर फैल जाएंगे, जिससे कुछ राहत की उम्मीद है.


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