आज G20 सम्मेलन को संबोधित करेंगे PM मोदी

G20 देशों की कल होने वाली अहम बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली पहुंच गए हैं.

Update: 2021-10-29 18:31 GMT

G20 देशों की आज होने वाली अहम बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली पहुंच गए हैं. आज प्रधानमंत्री G20 सम्मेलन को संबोधित करेंगे. उन देशों के मुखिया से मुखातिब होंगे, जहां दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी रहती है और जिनकी ग्लोबल ट्रेड में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है. लेकिन तमाम आबादी और कारोबार इस वक्त कोरोना की महामारी से जूझ रहा है. ऐसे में इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी दुनिया को मौजूदा हालात से निपटने के साथ-साथ आने वाले वक्त की तैयारियों के बारे में इंडिया के विजन और कमिटमेंट के बारे में बताएंगे.

इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने G20 समिट से इतर मुलाकातों से कर दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की राजधानी रोम में यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष से मुलाकात की. उनके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष से भी मिले. भारत और ईयू के बीच ट्रेड, कॉमर्स, कल्चर और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. कल प्रधानमंत्री G20 समिट में उन तमाम फिक्रों का जिक्र करेंगे जो देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चुनौती बनी हुई है. इस बार G20 समिट की थीम है People, Planet और Prosperity.
People के तहत कोरोना के खिलाफ मौजूदा जंग जीतने की रणनीति और भविष्य में महामारियों से निपटने की तैयारियों पर चर्चा होगी. Planet यानी जलवायु परिवर्तन की चुनौती से मुकाबला करने की रणनीति पर बात होगी और Prosperity यानी कोरोना की वजह से थमी आर्थिक रफ्तार बढ़ाने के तरीकों पर मंथन होगा और इसलिए कल सबकी नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर होंगी, उनके संबोधन पर होंगी, लेकिन क्यों होंगी…अब ये भी समझ लीजिए.
भारत में 105 करोड़ से ज्यादा लोगों को लगाई गई कोरोना वैक्सीन
भारत में कोरोना के रिकॉर्डतोड़ और भीषण कहर के बाद जिस तरह संक्रमण पर काबू पाया गया है, देश में जिस तरह 105 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाकर कोरोना संक्रमण की कड़ी को कमजोर करने का काम किया गया है और जिस तरह कोरोना काल में लॉकडाउन और तमाम पाबंदियों के बावजूद कुशल आर्थिक प्रबंधन किया गया, इन सबकी तारीफ वर्ल्ड बैंक, IMF और WHO जैसी बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कर चुकी हैं. भारत में इस वक्त भले ही कोरोना के संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन दुनिया के बाकी मुल्कों में कोरोना के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. नए-नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं. दुनिया एक बार फिर कोरोना से जूझने लगी है. फिर से लॉकडाउन में जाने लगी हैं और ऐसा क्यों लग रहा है कि इस नवंबर में कोरोना हमारे घर तक भी पहुंच सकता है.
एक बार फिर वही दहशत, एक बार फिर कोरोना की वही डरावनी पिक्चर. एक बार फिर शहर वीरान होना शुरू हो गए हैं और अस्पताल मरीजों से भरने लगे हैं. कोरोना एक बार फिर आउट ऑफ कंट्रोल होने लगा है. कई मुल्कों में कोरोना की फिर से वापसी हो चुकी है. कई देश कोरोना की मार से फिर से कराहने लगे हैं. WHO यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप के 53 देशों में बीते एक हफ्ते में कोरोना के केस 18 फीसदी बढ़े हैं. चीन, रूस और सिंगापुर जैसे देशों में भी कोरोना के कारण काफी बिगड़ रहे हैं. कितनी तेजी से बिगड़ रहे हैं, उसका अंदाजा इन तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है जो रूस में कोरोना के बेकाबू और लॉकडाउन के लौटने की गवाह हैं. जिन सड़कों पर भीड़ और रौनक लौट आई थी, वहां कोरोना के कहर की वापसी से सन्नाटा पसरा हुआ है.
मॉस्को में लगाया गया 11 दिन का लॉकडाउन
मॉस्को में 11 दिन के लॉकडाउन की शुरुआत हो चुकी है. सेंट पीटर्सबर्ग में कल से 9 दिन के लॉकडाउन का आगाज हो जाएगा. लेकिन जिस हिसाब से रूस में मौत का वायरस फिर से बड़ी तादाद में लोगों को अपना शिकार बना रहा है, उसे देखते हुए लॉकडाउन आगे बढ़ना तय है. बीते 24 घंटे में ही रूस में 40 हजार से ज्यादा केस मिले हैं. 1159 लोगों की मौत हुई है, इतने केस और मौत रूस ने महामारी की शुरुआत से अब तक नहीं देखे थे. सिर्फ एक हफ्ते में रूस में कोरोना संक्रमण में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इसके लिए कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट के नए सुपर स्प्रेडर रूप को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिससे कोरोना विलेन चीन को भी बेहाल करने लगा है.
चीन का हेलोंगजियांग प्रांत जो रूस और हेहे शहर की सीमा से जुड़ा है, वहां महामारी बेकाबू हो गई है. यहां शहरी और ग्रामीण सभी इलाकों में कंपलीट लॉकडाउन लगा दिया गया है. चीन के 12 प्रांतों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और इसलिए कड़ी पाबंदिया लगाई गई हैं. यहां की 40 लाख आबादी अपने घरों में कैद हो गई है. कंपलीट लॉकडाउन लगा दिया गया है. सड़कें सूनसान हो गई हैं, सिर्फ इमरजेंसी सर्विसेज से जुड़े लोगों को आवाजाही की छूट है, उनकी भी टेस्टिंग हो रही है.
कोरोना संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए चीन और रूस में लॉकडाउन लौट आया है तो लॉकडाउन से बचने के लिए ब्रिटेन में भी कड़ी पाबंदियां लगाने की मांग उठ रही है, क्योंकि वहां भी कोरोना संक्रमण डेंजरस स्पीड के साथ बढ़ता ही जा रहा है. ब्रिटेन में सिर्फ एक हफ्ते में कोरोना के केस 6 प्रतिशत बढ़े हैं तो जर्मनी में भी भी पांच महीने का रिकॉर्ड टूट गया है. फ्रांस में भी 16 प्रतिशत इजाफा दर्ज किया गया है. न्यूजीलैंड के दक्षिणी द्वीप में एक साल बाद कोरोना का पहला केस सामने आने से हड़कंप मच गया है. सिंगापुर में भी कोरोना संक्रमण ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. 24 घंटे में वहां 5324 नए केस रिपोर्ट हुए हैं. नतीजा ये हुआ है कि अस्पतालों में फिर से मरीजों का अंबार लगने लगा है, बेड फुल होने लग गए हैं.
दुनिया की ये हेल्थ रिपोर्ट बता रही है कि कोरोना फिर से दुनिया को बेबस और लाचार बनाने पर आमादा है. जहां मौका मिल रहा है, वहां फिर से कहर बरपाने लगा है और वो मौका उसे हिंदुस्तान में इस वक्त त्योहारों की तैयारी और खुमारी के बीच मिलता दिख रहा है. भले ही इस वक्त कोरोना संक्रमण के मामले कम दिख रहे हों, लेकिन मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में बीते 24 घंटे में 805 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है. मौत का ये आंकड़ा बीते करीब 3 महीने में सबसे ज्यादा है. सिर्फ बीते 10 दिनों में ही डेली डेथ का आंकड़ा 5 गुना से ज्यादा बढ़ गया है. देश में एक बार फिर लॉकडाउन दस्तक दे चुका है. पश्चिम बंगाल के सोनारपुर में लॉकडाउन लगाना पड़ गया. इतना ही नहीं एक बार फिर संक्रमण की चपेट में बच्चे आने शुरू हो गए हैं. कर्नाटक में 32 और मिजोरम में 139 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं.
भारत में कोरोना की स्थिति अभी नियंत्रण में
इन सबके बावजूद भारत में कोरोना की स्थिति अभी नियंत्रण में है. कोरोना पर इसी कंट्रोल की वजह से हमने दुनिया में धाक जमाई है. आज जब पीएम मोदी इटली पहुंचे तो वहां पर बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग उनकी एक झलक देखने के लिए पहुंचे. इटली की राजधानी रोम में यूरोपियन काउंसिल और यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष के साथ मुलाकात की. ये तस्वीर सुपर एक्टिव पीएम मोदी की मैराथन मीटिंग का महज छोटा सा हिस्सा है. रोम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने की ये तस्वीर भी सिर्फ कार्यक्रम का एक छोटा सा हिस्सा है, क्योंकि अभी मुलाकातों, बैठकों, मंथन और बैक टू बैक कार्यक्रमों का लंबा दौर बाकी है.
इटली दौरे पर गए पीएम मोदी ठीक उसी तरह एक्टिव हैं, जैसे खेल के मैदान में एथलीट एक्टिव होता है. अंदाजा आप इसी लगा सकते हैं कि पीएम मोदी 3 दिन के दौरे में 36 मीटिंग में शामिल रहेंगे. हिन्दुस्तान के प्रधान की ये कवायद देश के विकास के लिए है. देश की 133 करोड़ आबादी के लिए, जिनकी आंखों में उम्मीद की किरण है, जिनकी जिम्मेदारी पीएम मोदी के कंधों पर है. पीएम मोदी लगभग 60 घंटे रोम में मौजूद रहेंगे. 8 देशों के नेताओं या राष्ट्र प्रमुखों से मुलाकात कर रहे हैं. इटली, स्पेन और सिंगापुर के प्रधानमंत्री, जर्मनी के चांसलर, फ्रांस और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति से मुलाकात का कार्यक्रम है. कल प्रधानमंत्री मोदी वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री की मुलाकात वेटिकन में पोप के मुख्य सलाहकार से भी होगी. द्विपक्षीय मुलाकातों के अलावा प्रधानमंत्री मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेने वाले हैं. पीएम रोम में जी-20 सम्मेलन के तीन सत्र में भाग लेंगे.जी20 सम्मेलन के दौरान लंच, डिनर , स्वागत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होकर दूसरे नेताओं के साथ कई विषयों पर चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी 31 अक्तूबर की शाम को रोम से ब्रिटेन के शहर ग्लासगो के लिए रवाना होंगे. इस दौरान इटली समेत यूरोप के कई देशों में Day light Saving के लिए घड़ी की सुई को एक घंटा पीछे किया जाएगा. दरअसल हर साल यूरोप, अमेरिका और दुनिया के कई भागों में सूरज की रोशनी के बेहतर इस्तेमाल के लिए Day light saving के कदम उठाए जाते हैं. इटली में 31 अक्तूबर को सुबह तीन बजे घड़ी की सुई को पीछे करके एक घंटे पहले यानी फिर से दो बजे किया जाएगा ताकि सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच लंबा समय मिल सके.
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