गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर की याचिका, नुपुर शर्मा ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

Update: 2022-07-18 16:24 GMT

नई दिल्ली. भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और अपनी वापस ली गई याचिका को बहाल करने का आग्रह किया. शर्मा ने टीवी पर प्रसारित एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर की गई उनकी टिप्पणी के संबंध दर्ज अलग-अलग प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के आग्रह वाली याचिका पर एक जुलाई को सुनवाई के दौरान अवकाशकालीन पीठ की ओर से की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने की भी गुजारिश की.

नुपुर शर्मा ने याचिका में अपने खिलाफ दर्ज 9 प्राथमिकी में खुद की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की भी मांग की. उन्होंने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अप्रत्याशित और कड़ी आलोचना के बाद उनके जीवन के लिए खतरा पैदा कर हो गया है और उन्हें रेप की धमकी भी मिली है. उन्होंने कहा है कि क्योंकि पहली एफआईआर दिल्ली में दर्ज हुई थी, इसलिए अन्य स्थानों पर दर्ज एफआईआर को भी दिल्ली मामले के साथ जोड़ दिया जाए.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने पैगंबर मोहम्मद खिलाफ टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मिलाने की शर्मा की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत ने पैगंबर के खिलाफ शर्मा की विवादित टिप्पणियों के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया था और कहा था कि उनकी 'बेलगाम जुबान' ने 'पूरे देश को आग में झोंक' दिया और देश में जो भी हो रहा है, उसके लिए वह 'अकेले' जिम्मेदार हैं.

अदालत ने कहा था, "उनका अपनी जुबान पर काबू नहीं है और टीवी पर गैर जिम्मेदाराना बयान दिए और पूरे देश को आग में झोंक दिया. फिर भी वह 10 साल से वकील होने का दावा करती हैं…उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए."


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