लोग डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटीज के दफ्तर से हैं परेशान, बैठने को कुर्सी और पीने को पानी की व्यवस्था नहीं
दिल्ली एनसीआर न्यूज़: गौतमबुद्ध नगर के लोगों की सहूलियत के लिए शासन ने कलेक्ट्रट में मेरठ के डिप्टी रजिस्ट्रार (सोसायटी फर्म और चिट्स) को बैठाया है। डिप्टी रजिस्ट्रार यहां पर दो दिन सोमवार और बुधवार को बैठ रहे हैं। जिसका लोगों को ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है। अभी लोगों को काम करवाने के लिया मेरठ ही जाना पड़ता है। यहां लोगों के खड़े होने और बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। यहां पर सिर्फ उनकी समस्या को सुना जाता है। वहीं, डिप्टी रजिस्ट्रार वरुण खैर ने बताया कि अभी यहां स्टाफ की भर्ती नहीं हुए है। इसलिए लोगों को काम करवाने के लिए मेरठ जाना पड़ता है।
एक साल हो गया फिर भी कोई सुविधा नहीं: आपको बता दें कि नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने शासन से गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में डिप्टी रजिस्ट्रार (सोसायटी फर्म और चिट्स) मेरठ को बैठने के लिया कहा था। जिसके बाद शासन के आदेश पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने सप्ताह में 2 दिन गौतमबुद्ध नगर और एक दिन गाजियाबाद बैठना शुरू कर दिया। जिसे अब एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक यहां सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। जिसे लोगों को इसका ज्यादा लाभ नहीं हो रहा है। यहां पर स्टाफ की भर्ती नहीं कराई गई है। साथ ही अपना काम करवाने आए लोगों के लिए कोई सुविधा नहीं है। उनके बैठने का स्थान नहीं है और ना पानी की सुविधा है।
पीने का पानी और शौचालय तक उपलब्ध नहीं: नोएडा के समाज सेवी पुष्कर चांदना ने बताया कि वहां आने वाले लोगों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय के बाहर डीआर की कोई नेम प्लेट नहीं लगी है, केवल तीन कुर्सियाँ हैं। लोगों के लिए बाहर बैठने की कोई जगह नहीं है, उन्हें खुले आसमान में खड़ा होना पड़ता है। कोई छाया नहीं है। भीषण गर्मी पड़ रही है। पीने का पानी और शौचालय उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि उनका कार्यालय बहुत छोटा है। जिसमें बहुत कम लोग फिट हो सकते हैं। साथ ही कोई एयर कंडीशनर काम नहीं कर रहा है। कार्यालय में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस कार्यालय में कोई ऐसा कर्मचारी भी नहीं है, जो लोगों को बता दें कि डिप्टी रजिस्ट्रार आ जाएंगे या नहीं।
"अभी यहां स्थायी कार्यालय नहीं बनाया गया": डिप्टी रजिस्ट्रार वरुण खैर ने बतया कि अभी यहां पर स्टाफ की नियुक्ति नहीं हुई है। गौतमबुद्ध नगर कलेक्ट्रट में हम हफ्ते में दो दिन सोमवार और बुधवार को बैठ रहे हैं और लोगों की समस्या को सुन रहे हैं। यहां पर अभी स्थायी कार्यालय नहीं बनाया गया है। फिलहाल यहां लोगों की समस्याओं को सुना जाता है। बाकी के काम के लिए उन्हें मेरठ ही जाना होगा। कार्यालय बनाने की प्रक्रिया चल रही है। जब स्थायी कार्यालय बन जाएगा, उसके बाद सभी कार्य यहां पर होने लगेंगे।