रणभेरी बजने के बाद दल बदल राजनीति तेज, निगम चुनाव पर कितना पड़ेगा प्रभाव ?
नई दिल्ली (आईएएनएस )। दिल्ली नगर निगम चुनाव की घोषणा के बाद से ही राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है। सोमवार को बीजेपी और कांग्रेस के कई नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हुए, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की पूर्वांचल मोर्चा की पूरी टीम ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई। इस दल बदलने की राजनीति से चुनाव पर कितना असर पड़ता है इस मुद्दे पर आईएएनएस ने राजनीतिक विश्लेषण एक्सपर्ट और कुछ नेताओं से भी बात की..
आपको बता दें कि सोमवार को आम आदमी पार्टी की पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष संजय भगत, उपाध्यक्ष वीके जयसवाल, संगठन मंत्री अमरनाथ यादव अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इसी तरह आम आदमी पार्टी में भी बीजेपी के मंडल अध्यक्ष राकेश गोयल और उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के जिला अध्यक्ष आशीष ठकराल और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य अनिल पाटोदिया अपने बहुत से कार्यकर्ताओं के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।
दल बदलू सियासत कितनी होती है कामयाब
किसी भी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं में दल बदलने की लहर टिकटों और प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से चालू हो जाती है। राजनीतिक विश्लेषण करने वाले लोग बताते हैं, बहुत से राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपने राजनीतिक फायदे के हिसाब से दल बदल लेते हैं, कुछ दलों के कार्यकर्ता अपने दल के प्रति अपने गुस्से को प्रदर्शित करते हुए दूसरे दल में चले जाते हैं. और कुछ कार्यकर्ता ऐसे होते हैं जो किसी दल में नहीं जाते निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए अपने पुराने दल को ही नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं, ऐसे बागी कार्यकर्ता किसी भी दल के लिए बहुत नुकसानदायक साबित होते हैं।
राजनीतिक विश्लेषण करने वाले एक्सपर्ट बताते हैं कि चुनाव के दौरान किसी दूसरे दल के कार्यकर्ताओं का प्रभाव कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करता है, उस कार्यकर्ता का पहले से ही लोगों पर कितना प्रभाव है और कितने लोग उसके साथ जुड़े हुए हैं और कई बार कुछ कार्यकर्ताओं के दल बदलने से कुछ फर्क नहीं पड़ता सिर्फ चुनाव के दौरान ऊपरी तौर से यह हवा बन जाती है कि बहुत सारे लोग दूसरे दलों से टूटकर हमारे दल में आ रहे हैं या उनके दल में जा रहे हैं. इस तरह की हवाबाजी बन जाती है। जो किसी ना किसी रूप में किसी एक दल के लिए एक चुनावी माहौल तैयार कर देती है।
दल बदल राजनीति चुनाव पर कितना प्रभाव डालेगी इस पर हमने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से बात की तो उन्होंने हमें बताया कि चुनाव आते हैं, तो बहुत सारे राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। बहुत सारे कार्यकर्ता टिकट चाहते हैं, सम्मान चाहते हैं तो वह सम्मान कार्यकर्ता को नहीं मिलता है तो वह दल बदल लेता है और आजकल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी में जिस तरह की राजनीति चल रही है कि टिकट बेचे जा रहे हैं। आज की तारीख में आम आदमी पार्टी सिद्धांतों से हट चुकी है। तो इस तरह की बातों से कार्यकर्ता का मनोबल टूटता है, हमारी भारतीय जनता पार्टी सिद्धांतों पर चलती है। हम कार्यकर्ता को चुनाव लड़ाते हैं हमारी पार्टी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और हम कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाते हैं।