नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2019 में शुरू किए गए हैप्पीनेस करिकुलम के बाद छात्रों में आए बदलाव को देखकर अभिभावक गदगद हैं वहीं पढ़ाई को लेकर दवाब व परीक्षा का तनाव जैसी समस्याओं के दूर हो जाने से बच्चे भी खुश हैं। इसी को देखते हुए 11 जुलाई से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 15 दिवसीय हैप्पीनेस उत्सव की शुरूआत की गई है।
14 जुलाई को हैप्पीनेस उत्सव की दिल्ली के स्कूलों में हुई है शुरूआत: इस उत्सव में भाग ले रहे बच्चे प्रतिदिन नई गतिविधियों को करते हैं, जिससे बच्चों की याद्दास्त दुरुस्त हो रही है, उनका अपने जीवन के प्रति दृष्टिकोण बदल रहा है। उनके व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मोटिवेशनल स्पीकर व लाइफ कोच गौर गोपाल दास 14 जुलाई को हैप्पीनेस उत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया है।
हैप्पीनेस क्लास से भूत भविष्य छोड़ प्रजेंट में रहते हैं बच्चे: लाजपत नगर पार्ट-3 में स्थित शहीद हेमू कालानी राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय के 7वीं कक्षा के छात्र मंदीप सिंह कहते हैं कि हैप्पीनेस के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों से उनका पढ़ाई में ध्यान लगने लगा है। पहले जब वह बैठते थे तो उनकी पीठ सीधी नहीं रहती थी लेकिन अब गतिविधियों के बाद वह सीधे बैठते हैं। साथ ही माइंड फुलनेस एक्टिविटी के जरिए वह हल्की आवाज भी सुन लेते हैं। एक अन्य छात्र सोमवीर ने कहा कि माइंडफुलनेस गतिविधि से दिमाग थकता नहीं है। कई बार मुझे अजीब सा महसूस होता है तो मैं ये गतिविधि कर लेता हूं। छात्र सचिन कहते हैं कि मेरे दिमाग में पहले नकारात्मक विचार आ जाते थे लेकिन हैप्पीनेस गतिविधियों से ऐसा नहीं होता है। शरीर में पॉजिटिव इनर्जी रहती है। छात्र राजगोपाल ने कहा कि पहले मेरा दिमाग भूतकाल और भविष्य के बारे में ज्यादा सोचता रहता था लेकिन अब मैं प्रजेंट के बारे में सोचता हूं प्रजेंट में रहता हूं पढ़ाई में भी मन लगता है।
टेम्प्रेचर ऑफ ब्रीथ, माइंडफुल जार, माइंडफुल स्ट्रेचिंग, हर्ट बीट जैसी गतिविधियां हो रही हैं आयोजित: लाजपत नगर स्थित शहीद हेमू कालानी राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय में हैप्पीनेस उत्सव के समन्वयक आरजी वर्मा ने कहा कि हम स्कूल में अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन करते हैं। विद्यालय में हैप्पीनेस उत्सव के अंतर्गत अब तक जो गतिविधियां कराई हैं उनमें माइंडफुल लिस्निंग-ट्रैफिक, मार्केट, गार्डन में बैठते समय आने वाली आवाजों को सुनना हैं। इसके अलावा टेम्प्रेचर ऑफ ब्रीथ, माइंडफुल जार, माइंडफुल स्ट्रेचिंग, हर्ट बीट महसूस करना व खुशी के अनुभव आदि गतिविधियों को कराया गया है। एक विकलांग छात्र जो पहले सक्रियता में नहीं था। हैप्पीनेस गतिविधियों के बाद वह काफी अच्छी सक्रियता दिखा रहा है। साथ ही उसके परिवार को भी अब हैप्पीनेस गतिविधियां अच्छी लग रही हैं।
अभिभावकों को नजर आ रहा बच्चों के व्यवहार में बदलाव: गढ़ी में रहने वाली अभिभावक रूबी देवी ने कहा कि मेरा बेटा कमल चौधरी तीसरी कक्षा में पढ़ता है। पहले बच्चा खुदसे कुछ कह नहीं पाता था लेकिन अब हैप्पीनेस गतिविधियों के चलते सबसे बात करता है घर पर हमारी बात मानता है। रात को तंग नहीं करता टाइम पर सो जाता है। एक अन्य अभिभावक रीता जैन ने कहा कि मेरा बेटा सम्भव जैन जबसे हैप्पीनेस की गतिविधियों को करने लगा है तबसे उसके व्यवहार में बदलाव आया है। अब मन से पढ़ाई करता है और मेरी बात भी मानने लगा है।
कोविड 19 के बाद बच्चों के तनाव को हैप्पीनेस गतिविधियों ने किया दूर: हैप्पीनेस उत्सव पर प्राइमरी शिक्षक दीपक शर्मा कहते हैं कि माइंडफुलनेस गतिविधियां करते करते बच्चे बहुत एक्टिव हो गए हैं। वह दूर से आ रहा साउंड भी महसूस कर लेते हैं। एक अन्य प्राइमरी शिक्षिक वसुंधरा ने कहा कि कोरोना के बाद बच्चे तनाव में थे उनका मन पढ़ाई में नहीं लग पा रहा था। लेकिन हैप्पीनेस कक्षाओं से उनका तनाव खत्म हो चुका है उनकी शिक्षा भी सुचारू हो गई है।