New Delhi नई दिल्ली : संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किए जाने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र पर चौतरफा हमला किया। एनसीपी (एससीपी) सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार से या तो विधेयक को पूरी तरह से वापस लेने या इसे स्थायी समिति को भेजने का आग्रह किया। सुप्रिया सुले ने लोकसभा में कहा, "कृपया बिना परामर्श के एजेंडा न थोपें।" लोकसभा में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि अगर इस कानून की न्यायिक जांच की गई तो इसे "निरस्त" कर दिया जाएगा। प्रेमचंद्रन ने कहा, "आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को कमजोर कर रहे हैं। आप व्यवस्था को खत्म कर रहे हैं। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं सरकार को आगाह करता हूं कि अगर इस कानून की न्यायिक जांच की गई तो इसे निश्चित रूप से निरस्त कर दिया जाएगा।"
बिल का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "यह बिल जो पेश हो रहा है, वो बहुत सोची समझी राजनीति के लिए हो रहा है। अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।" कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सदन में बिल का विरोध किया और इसे "संघीय व्यवस्था पर हमला" करार दिया। वेणुगोपाल ने सदन में बिल पर बोलते हुए कहा, "हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही, हम अन्य धर्मों की आस्था का सम्मान करते हैं। यह बिल महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों के लिए खास है। आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत के लोगों ने आपको सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।" एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "यह बिल भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है। इस बिल को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को जोड़ने का नहीं, बल्कि बांटने का काम कर रहे हैं। यह बिल इस बात का सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।" डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि यह अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है, जो अल्पसंख्यकों को उनके संस्थानों का प्रशासन करने से संबंधित है। कनिमोझी ने कहा, "यह बिल एक खास धार्मिक समूह को लक्षित करता है।" बिल का समर्थन करते हुए जेडी(यू) सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने कहा, "यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है...विपक्ष इसकी तुलना मंदिरों से कर रहा है, वे मुख्य मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं। केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस) को बताना चाहिए कि हजारों सिख कैसे मारे गए, किस टैक्सी ड्राइवर ने इंदिरा गांधी को मारा? अब वे अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं।"
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। किरेन रिजिजू ने कहा, "इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। किसी के अधिकार छीनने की बात तो दूर, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले।" विधेयक में राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण तथा अतिक्रमणों को हटाने से संबंधित "प्रभावी ढंग से मुद्दों का समाधान" करने का प्रयास किया गया है। (एएनआई)