नई दिल्ली। 2014 से चुनाव जीतने के लिए मोदी भाजपा के विजयी कार्ड हो सकते हैं लेकिन इसके बावजूद पार्टी मशीनरी चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि अधिक से अधिक राज्यों को भगवा झंडे के नीचे लाया जा सके। पर्दे के पीछे काम करने वाले (यहां आर.एस.एस. समझें) बताते हैं कि नई भाजपा जरूरत पडऩे पर राज्यों में क्षत्रियों को बढ़ावा दे रही है। अगर उसने ठाकुरों को यू.पी., उत्तराखंड और हिमाचल में मुख्यमंत्री बनाया हुआ है तो वहीं राजनाथ सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में दूसरे नंबर पर बरकरार रखा हुआ है। अगर पार्टी गुजरात में एक पाटीदार नेता को लाई, तो महाराष्ट्र में उसने एक मराठा को मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित किया। एकनाथ शिंदे को अपने ही सबसे भरोसेमंद नेता देवेंद्र फडऩवीस की कीमत पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे का कद छोटा करने के लिए लाया गया है।