अब घर बैठे पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलवा सकेंगे, पोर्टल पर मिलेंगी ये सुविधाएं

डीजल या पेट्रोल से चलने वाले पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलकर सड़कों पर फिर से दौड़ाने की सारी जानकारी घर बैठे मिल जाएगी।

Update: 2022-06-08 03:54 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डीजल या पेट्रोल से चलने वाले पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलकर सड़कों पर फिर से दौड़ाने की सारी जानकारी घर बैठे मिल जाएगी। दिल्ली सरकार पेट्रोल और डीजल के पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक कार में तब्दील कराने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है।

परिवहन विभाग इसके लिए एनआईसी के साथ मिलकर एक सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है। इसके जरिए पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील करने वाली कंपनियों से लेकर उत्पाद, खर्च और आरटीओ पंजीकरण तक की जानकारी मिलेगी। परिवहन विभाग की इस पहल से लाखों वाहन मालिकों को फायदा मिलेगा।
पिछले वर्ष मंजूरी मिली थी
दिल्ली सरकार ने बीते वर्ष नवंबर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक में तब्दील करके सड़कों पर चलाने की मंजूरी दी थी। उसके बाद इसे लेकर परिवहन विभाग में सवालों की संख्या बढ़ रही थी। चूंकि, दिल्ली में अब तक ऐसा कोई बाजार नहीं है, जहां जाकर पुराने वाहनों को ई-कार में तब्दील कराया जा सके। परिवहन विभाग ने ऐसे वाहन मालिकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर सुविधा देने के लिए यह पहल की है। इसे लेकर विभाग ने अब तक 11 कंपनियों को सूचीबद्ध किया है। ऑनलाइन पोर्टल के जरिए इलेक्ट्रिक किट निर्माता, वितरक, किट लगाने वाले केंद्र और वाहनों में इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटमेंट करने वाली कंपनियां एक ही जगह उपलब्ध होंगे।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ऑनलाइन पोर्टल के जरिए यह भी सुविधा रहेगी कि वाहन मालिक को पुराने वाहन में इलेक्ट्रिक किट के रेट्रोफिटमेंट के बाद उसे आरटीओ पंजीकरण के लिए खुद नहीं जाना होगा। अधिकारी के मुताबिक, 15 जून के बाद पोर्टल को लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है। बताते चलें कि दिल्ली में ई-वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दिल्ली में अब तक 1.48 लाख ई-वाहन मई 2022 तक पंजीकृत हो चुके हैं। अकेले 2022 में पंजीकृत कुल वाहनों में 9.3 फीसदी से अधिक ई-वाहन हैं। यह बीते पांच वर्षों में सबसे अधिक है।
एक लाख से अधिक वाहन डी-रजिस्टर हुए
दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। ऐसे वाहनों को समय-समय पर डी रजिस्टर किया जा रहा है। उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर दूसरे राज्य में ले जाने या फिर स्क्रैप करने को कहा जा रहा है। दिल्ली में इस वर्ष एक जनवरी 2022 तक 1.01 लाख से अधिक वाहनों को डी रजिस्टर किया गया है। ये सभी डीजल वाहन हैं, जो 2007 से 2011 के बीच पंजीकृत किए गए थे।
कितना खर्च आएगा
पुराने डीजल या पेट्रोल चालित वाहनों को इलेक्ट्रिक कार में तब्दील करने में तीन से लेकर पांच लाख रुपये तक का खर्च आता है। यह दरें वाहन में लगने वाले मोटर, कंट्रोलर, रोलर और बैटरी पर निर्भर करती हैं। उसकी गुणवत्ता के आधार पर कीमतें तय होती हैं। मोटर और बैटरी की किलोवाट क्षमता बढ़ने पर कीमत भी बढ़ती है।
पोर्टल पर ये सुविधाएं मिलेंगी
ऑनलाइन पोर्टल पर आपूर्तिकर्ता, निर्माता और रेट्रोफिटमेंट करने वाली कंपनी एक जगह लोगों को मिल जाएंगे। वाहन चालक एक ही स्थान पर अलग-अलग कंपनियों के उत्पाद और उनके मूल्य देख सकेंगे। उनके निर्माता कौन हैं इसकी जानकारी भी मिलेगी। इसके अलावा उसे लगाने वाली कौन-कौन सी कंपनियां हैं, उनके केंद्र कहां हैं, यह सभी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होंगी।
बढ़ रहे ई-वाहन
● 1.48 लाख ई-वाहन दिल्ली में पंजीकृत हो चुके हैं अब तक।
● 9.3 फीसदी ई-वाहन हैं कुल पंजीकृत वाहनों में वर्ष 2022 में।
● 2.3 फीसदी ई-वाहन पंजीकृत हुए कुल वाहनों में वर्ष 2018 में।
● 18 नवंबर 2021 को पुराने वाहनों को ई-कार में तब्दील कर चलाने की मंजूरी मिली थी।
● 11 कंपनियों को परिवहन विभाग ने सूचीबद्ध किया है।
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