अब पीएसओ यूनिट में पनिशमेंट पोस्टिंग वाले पुलिसकर्मी नहीं होंगे शामिल, दिल्ली पुलिस 1000 को देगी कमांडो ट्रेनिंग

वीआईपी सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) दस्ते में अब दंडस्वरूप तैनाती (पनिशमेंट पोस्टिंग) वाले पुलिसकर्मियों को शामिल नहीं किया जाएगा।

Update: 2022-02-07 01:52 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वीआईपी सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) दस्ते में अब दंडस्वरूप तैनाती (पनिशमेंट पोस्टिंग) वाले पुलिसकर्मियों को शामिल नहीं किया जाएगा। पूर्व में पीएसओ के रूप में अधिकतर इन्हीं पुलिसकर्मियों की तैनाती होती थी, क्योंकि पनिशमेंट पोस्टिंग वालों को सबसे अधिक इसी दस्ते में भेजा जाता था। लेकिन, अब वीआईपी सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी ऐसे पुलिसकर्मियों को नहीं देने के लिए एक मसौदा तैयार किया जा रहा है। साथ ही वीआईपी सुरक्षा को ज्यादा चाक-चौबंद बनाने के लिए इस दस्ते में शामिल होने वाले पुलिसकर्मियों को कमांडो प्रशिक्षण देने की भी योजना है। इसके तहत फिलहाल, 1000 पुलिसकर्मियों को कमांडो ट्रेनिंग दी जा रही है।

अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगे
दरअसल, हाल के कुछ वर्षों में कई वीआईपी हस्तियों की सुरक्षा को लेकर खुफिया इकाइयों द्वारा खतरे की आशंका जताई जा चुकी है। इसे देखते हुए पीएसओ दस्ते को चौकस बनाने की कवायद की जा रही है। पीएसओ ड्यूटी में तैनाती के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही इन्हें आज के जमाने के सभी तरह के अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की तैयारी है।
तैनाती के लिए आवेदन कर सकेंगे
नई व्यवस्था की खास बात यह है कि वीआईपी सुरक्षा के लिए लगाई जाने वाली पीएसओ ड्यूटी में तैनाती के लिए पुलिसकर्मी खुद भी आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाली यूनिट या पुलिस मुख्यालय के जरिये इच्छुक पुलिसकर्मियों को आवेदन करना होगा। अभी तक पीएसओ दस्ते में अधिकतर की तैनाती वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर होती थी।
सुरक्षा की विभिन्न श्रेणियां
एक्स श्रेणी: इस श्रेणी के तहत राउंड द क्लॉक तीन पीएसओ की तीन शिफ्ट में तैनाती होती है
वाई थ्रेट: इसके तहत तीन पीएसओ और घर में 1-4 की गार्ड (एक हवलदार व तीन सिपाही) की तैनाती होती है
वाई पोजिशन: एक साथ दो पीएसओ (एक वर्दी, दूसरा बिना वर्दी के) और घर में 1-4 की गार्ड तैनात रहती है
जेड श्रेणी: एक साथ दो पीएसओ, घर में 1-4 की गार्ड, एक वॉचर (संदिग्धों पर नजर रखने वाला) और 1-3 की गार्ड वाला एक स्कॉट वाहन रहता है
जेड प्लस: एक साथ दो पीएसओ, घर में हर प्रवेशद्वार पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, एक वॉचर, एक स्क्रीनिंग करने वाला कर्मी व आगे-पीछे दो स्कॉट वाहन रहते हैं
सर्वोच्च श्रेणी: इसके तहत प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विदेशों से आने वाले वीवीआईपी की सुरक्षा होती है। इन्हें 'ब्लू बुक' के हिसाब से एसपीजी, दिल्ली पुलिस के साथ ही वीआईपी रूट समेत हर तरह की पुख्ता सुरक्षा प्रदान की जाती है।
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