मौसम के बदले मिजाज से उत्तर व मध्य भारत लू की चपेट में, दिल्ली-एनसीआर में सूरज के तेवर हुए तल्ख
मौसम के बदले मिजाज से उत्तर व मध्य भारत लू की चपेट में है। दिल्ली-एनसीआर में हर दिन तल्ख होते सूरज के तेवर से गर्मी नए रिकॉर्ड बना रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मौसम के बदले मिजाज से उत्तर व मध्य भारत लू की चपेट में है। दिल्ली-एनसीआर में हर दिन तल्ख होते सूरज के तेवर से गर्मी नए रिकॉर्ड बना रही है। बीते 30 दिनों में तापमान में 14.6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है।
मौसम विभाग की तरफ से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर, उत्तर-पश्चिम, मध्य व पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से ज्यादा तापमान रहेगा। इस बीच इन हिस्सों में सामान्य से कम बारिश भी हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, 28 फरवरी को अधिकतम तापमान 25.3 व न्यूनतम 9.6 डिग्री सेल्सियस था। एक मार्च को यह 26 हो गया था। 10 मार्च को अधिकतम 30 और न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस रहा। 15 मार्च को 34.7 व 18.9 तक चढ़ा। 30 मार्च को 39.6 डिग्री सेल्सियस पारा पहुंचने पर इस सीजन का सबसे गर्म व बीते 72 साल में तीसरी बार सबसे गर्म दिन रहा था।
पाकिस्तान, राजस्थान और गुजरात की गर्म हवा बढ़ा रही गर्मी : मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम महापात्रा के मुताबिक, इस समय दक्षिण पाकिस्तान, राजस्थान और गुजरात से आने वाली गर्म हवा समूचे उत्तर भारत व मध्य भारत को गर्म कर रही है, जिससे जम्मू से लेकर मध्य प्रदेश तक लू की चपेट में है। लंबे समय से पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय नहीं है। इस वजह से तापमान में कमी नहीं आ रही है।
आमतौर पर कई बार इस मौसम में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल जाता है, लेकिन इन दिनों लंबे समय से बारिश नहीं हो रही है। इस वजह से तापमान बढ़ रहा है।
अप्रैल में रहेगा बुरा हाल
मौसम विभाग की तरफ से बृहस्पतिवार जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में देश में औसत वर्षा सामान्य (दीर्घावधि औसत/ एलपीए का 89-111फीसदी) होने की संभावना है, लेकिन उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने के आसार हैं। वहीं, पश्चिमी और पूर्वोत्तर के कुछ भागों में सामान्य से लेकर अधिक बारिश हो सकती है। 1961-2010 के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के दौरान देशभर में वर्षा का दीर्घावधि औसत करीब 39.3 मिलीमीटर है।
तब दर्ज की जाती है लू
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि के मुताबिक, मैदानी इलाकों में जब अधिकतम तापमान 40 से अधिक व सामान्य से साढ़े चार डिग्री सेल्सियस तक अधिक दर्ज किया जाता है, तब लू की घोषणा की जाती है।
वहीं, अधिकतम तापमान 40 या इससे अधिक व सामान्य से साढ़े छह डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर गंभीर स्तर की लू की घोषणा की जाती है।
इसलिए चलती है गर्म हवा
मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि क्षेत्र विशेष में वायु मंडल की ऊपरी सतह पर जब उच्च वायुु दाब का केंद्र बनता है तो वहां से गर्म हवा धरती की तरफ चलने लगती है। इनमें धरती से उठने वाली हवा भी मिल जाती है, जिससे गर्म हवा वायु मंडल में विलीन नहीं हो पाती। इस सबके मिलेजुले असर से उस क्षेत्र का वातावरण गर्म हो जाता है और लू चलने लगती है।