Noida: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से परीचौक तक लाइट ट्रेन चलाने की तैयारी
दो कंपनियों को फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी
नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से परीचौक तक लाइट ट्रेन ट्रांजिट (एलआरटी) चलाने की तैयारी है. प्राधिकरण ने इसके लिए औद्योगिक सेक्टरों से गुजारते हुए यमुना एक्सप्रेसवे के समानांतर संभावना तलाशने के लिए दो कंपनियों को फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी है. 30 तक दोनों ही कंपनियां अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी.
प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि यमुना सिटी में एयरपोर्ट तक मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को लेकर काम चल रहा है. अब तक यमुना सिटी के औद्योगिक सेक्टर के लिए पॉड टैक्सी चलाने की तैयारी थी, लेकिन रेपिड रेल के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद पॉड टैक्सी का प्लान रद्द कर दिया है. प्राधिकरण ने पॉड टैक्सी के बजाय लाइट ट्रेन ट्रांजिट चलाने की तैयारी की है. इसके लिए सीमेंस और आईपीआरसीएल कंपनी को फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी है. दोनों कंपनियां अपनी स्टडी में जुट गई हैं. प्राधिकरण ने औद्योगिक सेक्टर-10, 21, 28, 29, 32, 33 से इसकी अंतरिम कनेक्टिविटी पर भी जोर दिया है.
पॉड टैक्सी के मुकाबले लाइट ट्रेन बेहतर : अधिकारियों ने दावा किया है कि पॉड टैक्सी के मुकाबले लाइट ट्रेन ज्यादा कारगर है. वर्तमान में पॉड टैक्सी को कुछ ही देशों की कंपनियां बनाती हैं. ये 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती हैं. वहीं, बात की जाए लाइट ट्रेन की तो इसे दुनिया में 100 कंपनियां बनाती हैं. कम लागत होने के साथ ही ये 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं. यमुना विकास प्राधिकरण सेक्टर-9 में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और हेबिटेट सेंटर बनाने की भी तैयारी है.
एयरपोर्ट की राह आसान करने की योजना: यमुना प्राधिकरण नोएडा एयरपोर्ट की बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर दे रहा है. एयरपोर्ट तक जहां नमो भारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव पास हो चुका है, वहीं दिल्ली-मुंबई और हावड़ा रेल ट्रैक से भी एयरपोर्ट को कनेक्ट करने की तैयारी चल रही है. सड़क कनेक्टविटी को लेकर भी कई योजनाएं धरातल पर हैं. दिल्ली मुबंई एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है. वहीं, एक्सप्रेसवे पर इंटरचेंज का काम भी तक पूरा हो जाएगा. अब लाइट ट्रेन को चलाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई है.
लाइट ट्रेन को लेकर दो कंपनियों को अध्ययन करने की जिम्मेदारी दी गई है. दोनों कंपनियां 30 तक अपनी रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करेंगी, जिसे शासन को भेजा जाएगा.
-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण