धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्टों की 'सराय' पर नहीं लगेगा कोई GST, केंद्र सरकार ने कहा- यह सब अफवाह

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Update: 2022-08-05 11:55 GMT

दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने कहा कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों (religious and charitable institutions) द्वारा संचालित 'सरायों' के कमरे के किराये या संपत्तियों पर माल एवं सेवा कर (GST) नहीं लगेगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने गुरुवार को कमरों के किराये पर GST को लेकर भ्रम दूर करने के लिए यह स्पष्टीकरण जारी किया था। वित्त मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण आप सांसद राघव चड्ढा समेत विभिन्न तबकों की मांग के बाद आया है कि धार्मिक संस्थानों के कमरों के किराये पर GST को वापस लिया जाए। चड्ढा ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास स्थित धार्मिक परिसरों के 'सरायों' पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने के संबंध में एक पत्र सौंपा। GST परिषद ने इस साल जून माह में फैसला किया था।

एक हजार रुपए प्रतिदिन से कम कीमत वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत का कर लगाया जाएगा। 18 जुलाई, 2022 को एक हजार रुपए से कम किराए वाले कमरे पर GST प्रस्ताव के लागू होने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) द्वारा संचालित कुछ सरायों ने एक हजार रुपए से कम किराये वाले कमरों के लिए GST जुटाना शुरू कर दिया था। GST परिषद की सिफारिश पर 1,000 रुपये किराये वाले होटल कमरों को पहले की छूट श्रेणी से 12 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब के तहत लाया गया था। वित्त मंत्रालय के तहत CBIC ने कई ट्वीट कर कहा कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों द्वारा संचालित 'सरायों' के कमरे के किराये पर GST लागू नहीं होगा।

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