एनआईए ने मुंबई-ठाणे-पुणे स्थित आईएस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, चार गिरफ्तार
नई दिल्ली (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को खुफिया जानकारी के आधार पर चलाए गए एक ऑपरेशन में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएस के इशारे पर आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार करके महाराष्ट्र स्थित आईएस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया।
एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि चारों को मुंबई, ठाणे और पुणे में व्यापक छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों की पहचान मुंबई के नागपाड़ा के ताबिश नासिर सिद्दीकी; पुणे के कोंढवा के जुबैर नूर मोहम्मद शेख उर्फ अबू नुसैबा; और ठाणे पड़घा के शरजील शेख और जुल्फिकार अली बड़ौदावाला के रूप में हुई है।
अधिकारी ने कहा, "एनआईए द्वारा 28 जून 2023 को दर्ज किए गए आईएस महाराष्ट्र मॉड्यूल मामले में पांच स्थानों पर आरोपियों के घरों की तलाशी ली गई। एनआईए टीमों ने इस दौरान कई आपत्तिजनक सामग्री, जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और आईएस से संबंधित कई दस्तावेज जब्त किए।“
जब्त की गई सामग्री ने आईएस के साथ आरोपियों के मजबूत और सक्रिय संबंधों तथा कमजोर युवाओं को आतंकवादी संगठन के भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के उनके प्रयासों को स्पष्ट रूप से उजागर किया।
एनआईए की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपियों ने आईएसआईएस की आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी, जिसे इस्लामिक स्टेट (आईएस), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवंत (आईएसआईएल), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और सीरिया (आईएसआईएस), दाएश, खुरासान प्रांत में इस्लामिक स्टेट (आईएसकेपी)/आईएसआईएस विलायत खोरासन, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द शाम खुरासान (आईएसआईएस-के) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है।
आरोपी महाराष्ट्र में स्लीपर सेल का गठन और संचालन करके आईएस की साजिश के तहत देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी कर रहे थे।
एनआईए को पता चला कि चारों आरोपियों और उनके सहयोगियों ने युवाओं की भर्ती की थी और उन्हें आईईडी और हथियार बनाने का प्रशिक्षण दिया था। उन्होंने आईईडी के निर्माण और छोटे हथियारों, पिस्तौल आदि के निर्माण के लिए 'डू इट योरसेल्फ किट' (डीआईवाई) सहित सामग्री भी आपस में साझा की थी।
आरोपियों ने अपने विदेश स्थित आईएस आकाओं के निर्देश पर प्रतिबंधित संगठन के आतंक और हिंसा के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भड़काऊ मीडिया सामग्री भी बनाई थी, जिसे 'वॉयस ऑफ हिंद' पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।