दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने फिरोजपुर जिला के सीमावर्ती इलाकों के बच्चों को शिक्षा की उचित सुविधा नहीं मिलने पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने बयान जारी कर बताया कि आयोग ने पंजाब के कलुवारा गांव के छात्रों की दुर्दशा के बारे में एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया विशेषकर उन लड़कियों के बारे में जिन्हें पहले सतलुज नदी के कीचड़ भरे किनारों पर पैदल चलना पड़ता है और फिर राज्य के फिरोजपुर जिला के गट्टी राजोके क्षेत्र में स्थित सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंचने से पहले पाकिस्तान के साथ सीमा पर और 4 किलोमीटर चलने के लिए एक बरही (एक लकड़ी की नाव) पर सवार होकर नदी पार करनी पड़ती है। आयोग ने बताया कि समाचार रिपोर्ट ने आगे खुलासा किया कि कलुवारा तीन ओर से नदी से तथा चौथी ओर से सीमा बाड़ से घिरा हुआ है। यह भी कहा गया है कि भारी बारिश के दौरान, नदी के कारण खेतों और घरों में बाढ़ का पानी भर जाता है और यहां के निवासियों को अपनी छतों पर एक साथ दिन बिताने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गांव में 50 परिवार रहते हैं और केवल एक प्राथमिक विद्यालय है। उच्च शिक्षा के लिए स्कूलों तक पहुँचने में अत्यधिक कठिनाइयों के कारण प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली अधिकांश लड़कियाँ पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं।
बयान में कहा गया कि आयोग ने पाया कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री यदि सत्य है, तो छात्रों के शिक्षा के अधिकार के साथ-साथ क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन और सम्मान के अधिकार के प्रति राज्य के अधिकारियों की उदासीनता से संबंधित मुद्दों को उठाती है। राज्य की यह जिम्मेदारी है कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे और उन्हें गरिमा के साथ रहने का वातावरण प्रदान करके उनके मानवाधिकारों की रक्षा करे।