ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसों को रोकने के लिए एनएचएआई ने बड़ा कदम उठाया, जानें पूरा प्लान

राजधानी से वाहनों का दबाव कम करने वाले ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसों को रोकने और बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए अब हर तीन महीने पर सेफ्टी ऑडिट होगा।

Update: 2022-07-17 02:16 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी से वाहनों का दबाव कम करने वाले ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसों को रोकने और बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए अब हर तीन महीने पर सेफ्टी (सुरक्षा) ऑडिट होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की तरफ से स्वतंत्र एजेंसी नियमित रूप से सड़क सुरक्षा के काम पर नजर रखेगी।

यह एजेंसी सड़क की ड्राइविंग गुणवत्ता, रोशनी और सड़क सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले साइनबोर्ड से लेकर रिफ्लेक्टर की उपलब्धता को परखने और रिपोर्ट देने का काम करेगी। उसी के आधार पर आगे सड़क सुरक्षा का काम होगा। अब एनएचएआई का पूरा ध्यान एक्सप्रेसवे पर वाहनों की राइडिंग गुणवत्ता को सुधारने और सड़क हादसों को रोकने पर है। इसके लिए नियमित रूप से स्वतंत्र एजेंसी एक्सप्रेसवे पर नजर रखेगी और एनएचएआई अधिकारियों को रिपोर्ट करेगी।
बता दें कि 27 मई 2018 को यातायात के लिए खोले गए एक्सप्रेसवे पर ड्राइविंग गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं, जिसके बाद एनएचएआई ने निर्माण एजेंसियों को नोटिस थमाया था। क्योंकि एक्सप्रेसवे पर चलते वक्त गाड़ियों के जंप लेने की शिकायत थी। साथ ही कई जगहों पर सड़क धंसी हुई थी, जिसके चलते तेज रफ्तार से चलती गाड़ी जंप लेती थी। उस वक्त अथॉरिटी ने अपनी पूरी टीम लगाकर सर्वे कराया था।
100 से अधिक जगह चिन्हित की गई थी जिनमें गाड़ी के जंप लेने की शिकायत थी। कई जगहों पर सड़क टूटी हुई थी। इस पर निर्माण एजेंसियों को नोटिस थमाया गया था कि अगर सड़क को ठीक नहीं किया गया था तो उनका अंतिम भुगतान रोक दिया जाएगा। नोटिस के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया। अब एक्सप्रेसवे 20 वर्ष तक निजी कंपनी के हाथों में चला गया है लेकिन इस अवधि के दौरान सड़क सुरक्षा की निगरानी पूरी तरह से एनएचएआई के हाथों में होगी। इसलिए स्वतंत्र एजेंसी अब सेफ्टी ऑडिट का काम करेगी। साथ में यह भी देखेगी कि कंपनी द्वारा मानकों को पूरा किया जा रहा है या नहीं।
तुरंत करानी होगा मरम्मत
नए नियमों के तहत अब अगर कहीं से सड़क खराब होती है तो उसकी तत्काल मरम्मत करानी होगी। खासकर दुर्घटना के दौरान कोई बैरियर, रिफ्लेक्टर या साइनबोर्ड खराब हो जाता है तो 48 से 72 घंटे में उसे ठीक कराना होगा। इसके अतिरिक्त अगर कोई बड़ी खराब हुई है तो उसे भी निर्धारित समय सीमा में ठीक कराना होगा।
गाड़ी के जंप लेने की शिकायत
अभी तक ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर कुछ जगहों पर गाड़ी के जंप लेने की शिकायत है। क्योंकि सड़क लेवल में नहीं है, इससे 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलते वक्त गाड़ी के जंप लेने की शिकायत होती है। इससे कई बाहर हादसा होने का भी खतरा रहता है। इसके साथ ही नोएडा से फरीदाबाद की सीमा के बीच रात में कई जगह पर लाइट बंद रहने की समस्या अब भी बनी हुई है।
कई जगह अवैध कट आफत बने
ईस्टर्न पेरिफेरल पर सुरक्षित सफर के लिए इंतजाम नाकाफी हैं। अनेक हादसे होने के बावजूद यहां अब भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं हैं। शाजहांपुर सहित अनेक ऐसे गांव हैं जहां अवैध कट बने हैं जहां से बाइक वाले आवाजाही करते हैं। एक्सप्रेसवे पर दुपहिया वाहन, ट्रैक्टर-ट्रॉली, साइकिल और ऑटो दौड़ती नजर आ जाती हैं। इन वाहनों से हादसा होने का खतरा रहता है।
पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क किनारे वाहन खड़े होने से हमेशा हादसे का खतरा रहता है। इसके अलावा वाहन चालकों के लिए शौचालय की भी कोई दुरुस्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कई बार वाहन चालक कहीं भी वाहन रोक देते हैं जो हादसे का कारण भी बनते हैं। प्पिछले छह माह में नौ दुर्घटनाएं हुई हैं।
अहम बातें
एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई - 136 किलोमीटर
यातायात के लिए खोला गया - 27 मई 2018
वाहनों की संख्या - एक लाख पीसीयू से अधिक (प्रतिदिन)
Tags:    

Similar News

-->