दिल्ली: मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए 17 जुलाई को आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के लिए अब सिर्फ 4 हफ्ते बाकी हैं। 90 हजार से अधिक एमबीबीएस सीटों के लिए आयोजित हो रही रही इस परीक्षा की अंतिम हफ्तों में तैयारी पर नीट एक्सपर्ट अनुराग तिवारी ने कहा कि बाकी समय योजनाबद्ध तरीके से इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। छात्रों को नीट के सिलेबस पर, पूछे जाने वाले सवालों, क्या पढऩा है क्या छोडऩा है पर ध्यान देना होगा। नीट की तैयारी के लिए छात्र एनसीईआरटी की किताबों को ही पढ़ें।
नीट की तैयारी के लिए छात्र एनसीईआरटी की किताबों को ही पढ़ें: जो छात्र मेडिकल की तैयारी कर रहे हैं उनका मजबूत एरिया जो हो उसी पर मेहनत करें। ताकि सवाल परीक्षा में गलत न हो। ऐसे चैप्टर्स को तैयार करें जिन्हें मजबूती से तैयार नहीं किया है। आखिरी महीने में नया सिलेबस न पढ़ें। उन्होंने कहा कि सिर्फ किताबें पढऩे से काम नहीं होगा। इस बचे हुए समय में परीक्षा पैटर्न पर आधारिक मॉक टेस्ट जरूर दें। टेस्ट देने के बाद जो गलतियां करते हैं उनको ठीक करने का तत्कालिक प्रयास करें।
12वीं के बाद छात्र बॉयोलॉजी के अन्य क्षेत्रों में भी बना सकते हैं करियर: देश में 18 लाख 72 हजार अभ्यर्थी इस वर्ष नीट एग्जाम देने जा रहे हैं। जाहिर है 17 लाख से अधिक छात्रों को एमबीबीएस में सीट नहीं मिलेगी। ऐसे छात्र क्या करें के सवाल पर अनुराग ने कहा कि बॉयोलॉजी से 12वीं करने वाले छात्रों के लिए एप्लायड साइंसेस, माइक्रोबॉयोलॉजी, जेनेटिक्स, बॉयो मेडिकल साइंस, फॉर्मेसी के क्षेत्र में आप अपना करियर बना सकते हैं।
85 फीसद रह सकती है नीट कटऑफ: तिवारी ने कहा कि इस वर्ष सामान्य कैटेगरी में नीट कट ऑफ 85 फीसद से ऊपर रह सकती है। यानि 720 में 620 से ऊपर अंक लाने वाले छात्रों को आसानी होगी। दूसरी बात छात्र राज्य कोटे पर फोकस करें जो 85 फीसद सीटों पर काउंसिलिंग कराते हैं। राज्य कोटे के लिए छात्र के 500-625 अंक होने पर सीट मिलने में आसानी होती है।
एम्स-जिपमेर के अलावा भी बहुत अच्छे कॉलेज हैं देश में: आमतौर पर हर मेडिकल अभ्यर्थी नीट परीक्षा निकालने के बाद एम्स या जिपमेर जैसे इंस्टीट्यूट से ही एमबीबीएस करना चाहता है। इस पर तिवारी ने कहा कि छात्रों के बीच जागरूकता की कमी है। दिल्ली में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद, पीजीआई लखनऊ, चंडीगढ़, बीएचयू, मद्रास मेडिकल कॉलेज, किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज समेत पचासों टॉप कॉलेज हैं।