NCR Faridabad: साइबर थाना के पीएसआई के खिलाफ चार्जशीट पेश

"रिश्वत लेते पकड़े गए थे"

Update: 2025-01-21 09:52 GMT

फरीदाबाद: साइबर ठगी के मामले में आरोपियों से रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुए पीएसआई अर्जुन के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने जिला अदालत में चार्जशीट पेश कर दी है। एसीबी की ओर से साइबर क्राइम थाना एनआईटी में तैनात रहे पीएसआई अर्जुन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और बीएनएस की धाराओं में ये चार्जशीट पेश की गई है। वहीं मामले में दो अन्य आरोपी मौके से भाग निकले पीएसआई रामसिंह व साइबर क्राइम थाना एनआईटी में उस समय एसएचओ रहे इंस्पेक्टर अमित की गिरफ्तारी अभी तक एसीबी नहीं कर सकी है।

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) टीम ने ये कार्रवाई 21 नवंबर 2024 की देर रात की थी। दिल्ली के रोहिणी निवासी निशिल गर्ग ने मामले में एसीबी को शिकायत दी कि साइबर क्राइम थाना एनआईटी के पीएसआई अर्जुन सिंह और राम सिंह उससे रिश्वत की मांग कर रहे हैं। साइबर ठगी की दर्ज एफआईआर में विशाल को जमानत पाने में मदद करने के नाम पर रुपये मांगे गए। साढ़े 12 लाख रुपये नकद लेकर शिकायतकर्ता को पुलिसकर्मियों के पास भेजा गया। जिसके बाद एसीबी टीम भी मौके पर पहुंची और पीएसआई अर्जुन को तो 12 लाख 50 हजार रुपये लेते काबू कर लिया गया। जबकि पीएसआई राम सिंह वहां से भागने में कामयाब हो गया। बाद में आरोपी एसआई की कार से एसीबी टीम ने 7 लाख 47 हजार रुपये और बरामद किए। केस में कुल 19 लाख 97 हजार रुपये एसीबी ने बरामद किए। दोनों पीएसआई के खिलाफ एसीबी थाना में 21 नवंबर को ही करप्शन एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

मामले में पीएसआई अर्जुन और उसके साथी राम सिंह को सस्पेंड करने के बाद साइबर क्राइम थाना एनआईटी के एसएचओ इंस्पेक्टर अमित शर्मा को भी सस्पेंड किया जा चुका है। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। दोनों ड्यूटी से गैर हाजिर चल रहे हैं। इंस्पेक्टर अमित की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है। वहीं भिवानी निवासी पीएसआई अर्जुन को सगी बहन की शादी के लिए 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक के लिए अंतरिम जमानत भी कोर्ट से मिली थी। जिसके बाद वो अब फिर से जेल में बंद है।

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