दिल्ली नगर निगम ने 807 ढलाव घरों को बंद करके जनोपयोगी प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल करना किया शुरू
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली नगर निगम का दावा है कि उसके सभी 12 जोन क्षेत्रों में बने ढलाव घरों को समयबद्ध तरीके से बंद किया जा रहा है। निगम ने अब तक कुल 1471 ढलाव घरों में से 807 ढलाव घरों को बंद करके उन्हे विभिन्न जनोपयोगी प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल करना आरंभ कर दिया है। निगम के 59 ढलाव घरों को बंद कर वहां मिल्क बूथ खोले गए हैं। यह बूथ वसंत कुंज, जनकपुरी, हरि नगर,रघुबीर नगर,ग्रीन पार्क मेन मार्केट,सत्य निकेतन और वसंत विहार में खोले गए हैं। 108 ढलाव घरों में एफसीटीएस ( फिक्स्ड कंपैक्टर ट्रांसफर स्टेशन ) स्थापित किए गए हैं, जिनकी सहायता से एकत्रित कचरे को दबाकर उसे लैंडफिल साइट तक ले जाने सहायता मिलती है। यह एफसीटीएएस मादीपुर, पंजाबी बाग, बेगम पुर, हस्तसाल, सरायकाले खां, राजौरी गार्डन तथा अन्य स्थानों पर हैं। कमल पार्क, सागरपुर, आरकेपुरम, ग्रेटर कैलाश आदि 11 ढलाव घर बंद करके वहां पुस्तकालय खोले गए हैं। सेक्टर-11,15 रोहिणी, नाहरपुर, प्रशांत विहार सहित 13 ढलाव स्थलों पर वरिष्ठ नागरिक मनोरंजन केंद्र खोले गए हैं।
कापसहेड़ा बॉर्डर, द्वारका, चितरंजन पार्क सहित 39 ढलाव घरों में कम्पोस्टिंग पिट की स्थापना की गई है, जिसकी सहायता से गीले कूड़े को खाद में परिवर्तित किया जाता है। 81 स्थानों पर एमआरएफ ( मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी ) खोले गए हैं, जिनकी सहायता से सूखे कूड़े का प्रथक्करण करके उसका पुन:चक्रण किया जाता है। आरकेपुरम, वसंत विहार, टैगोर गार्डन, हरिनगर, सुभाष नगर आदि 10 ढलाव घरों में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं जैसे। इसके अलावा बचे हुए ढलाव घरों में से कुछ को आरडब्ल्यूए व एनजीओ, आरपी सेल, पार्कों में मिलान, नेकी की दीवार, स्वच्छता सैनिकों के लिए शेल्टर आदि कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।