हवाई जहाजों की मेंटेनेंस के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 40 एकड़ में बनेगा एमआरओ

Update: 2022-09-12 07:21 GMT

दिल्ली एनसीआर न्यूज़: जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज में एयरपोर्ट के अंदर ही 40 एकड़ में एमआरओ बनाया जाएगा। यहां पर हवाई जहाजों की मेंटेनेंस होगी। दूसरे फेज के लिए अभी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। उसमें एमआरओ (मेंटेनेंस रिपेयर एंड अवरहॉल) के अलावा कार्गो आदि का निर्माण होगा।

निर्माण कार्य की देखरेख के लिए बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी: इस तरह जेवर एयरपोर्ट के फर्स्ट और सेकंड फेज में दो एमआरओ तैयार होंगे। एयरपोर्ट के पहले फेज का निर्माण कार्य चल रहा है। यह एयरपोर्ट 1334 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जा रहा है। इसमें कुल 6 रनवे होंगे। सबसे पहले दो रनवे का निर्माण पूरा होगा। मार्च 2024 में इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की देखरेख के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है। इसके गुणवत्ता मटेरियल जांच के लिए इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड को जिम्मा सौंपा गया है। इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड कंपनी ग्राउंडवर्क से लेकर एयरपोर्ट के प्रत्येक कार्य की देखरेख करेगी।

18 महीने बाद हवाई जहाज यात्रियों के लिए भरने लगेंगे उड़ान: कंपनी हर सप्ताह भारत सरकार को रिपोर्ट देगी, वही नियाल को हर महीने जेवर एयरपोर्ट के निर्माण की गतिविधियों की खबर देगी। पहले फेज में 40 एकड़ में एमआरओ बनाए जाने की तैयारी चल रही है। क्योंकि मार्च 2024 से हवाई जहाजों का ट्रायल शुरू हो जाएगा और अब से 18 महीने बाद हवाई जहाज यहां से यात्रियों के लिए उड़ान भरने लगेंगे। ऐसी स्थिति में हवाई जहाज के मेंटेनेंस की जरूरत पड़ेगी। हवाई जहाजों को मेंटेनेंस के लिए दूसरे देश में ना जाना पड़े इसलिए जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अंदर ही 40 एकड़ एरिया में एमआरओ बनाया जाएगा। यह एमआरओ ज्यूरिक कंपनी द्वारा बनाया जाएगा।

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