नई दिल्ली। भाजपा केंद्र में मोदी सरकार के 9 वर्ष का जश्न मनाने की तैयारी जोर-शोर से कर रही है। इसके लिए पार्टी ने 30 मई से 30 जून, देशभर में एक महीने तक चलने वाले रैलियों, सभाओं, सम्मेलनों, संपर्क अभियानों और बैठकों का पूरा खाका पहले से ही तैयार कर लिया है। लेकिन इसके साथ ही पार्टी ने अब सरकार के कामकाज, अपनी ही सरकार के कामकाज पर जनता से सीधा फीडबैक लेने की रणनीति भी तैयार की है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा आलाकमान की तरफ से सभी सांसदों को यह निर्देश दिया गया है कि वे एक महीने तक चलने वाले विशेष जनसंपर्क अभियान के दौरान सरकार की योजनाओं से लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से संपर्क साध कर मोदी सरकार के कामकाज पर उनका फीडबैक भी ले। बताया जा रहा है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इसे लेकर पार्टी के सांसदों और नेताओं के साथ ऑनलाइन वर्चुअली बैठकें भी कर चुके हैं। इन बैठकों में जनता से फीडबैक लेने के तौर-तरीकों के बारे में सांसदों को विस्तार से समझाते हुए नड्डा ने साफ तौर पर यह निर्देश दिया कि जब वह लाभार्थियों से मुलाकत करें तो उनसे यह पूछे कि उन्हें सरकार से अब तक क्या-क्या मिला है और भविष्य में वे सरकार से और क्या चाहते हैं? उनसे यह भी पूछे कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ हासिल करने में उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है ? नड्डा ने स्पष्ट तौर पर सांसदों को यह निर्देश दिया है कि जनता का जो भी फीडबैक हो उसे पूरी ईमानदारी के साथ सही-सही पार्टी तक पहुंचाया जाए। सांसदों को यह फीडबैक किस तरह से लेना है, इसे लेकर उन्हें एक फॉर्मेट भी दिया गया है।
आमतौर पर हर लोक सभा चुनाव से पहले भाजपा अपने सांसदों के कामकाज को लेकर जनता का फीडबैक लेती रही है और सर्वे भी करवाती रही है। इसी आधार पर पार्टी टिकट देने या काटने का फैसला भी करती है, लेकिन इस बार भाजपा ने अपनी सरकार के कामकाज पर सीधे जनता का फीडबैक लेने का फैसला किया है और पार्टी एवं सरकार की तरफ से यह फीडबैक लेने का दायित्व पार्टी ने अपने सांसदों को ही सौंपा है। दरअसल, पार्टी इस पूरी कवायद के जरिए यह भांपना चाहती है कि केंद्र सरकार की योजनाओं से लाभ उठाने वाले लाभार्थियों की सरकार को लेकर क्या सोच है। इसी फीडबैक के आधार पर भाजपा लोक सभा चुनाव की अपनी रणनीति तैयार कर जनता के बीच जाएगी।