राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 24 से अधिक पूर्व IPS ने केजरीवाल के अहंकारी व्यवहार को लेकर लिखा पत्र
दिल्ली: चौबीस से अधिक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पुलिस र्किमयों के साथ उनके ''अहंकारी और अशिष्ट व्यवहार'' को लेकर 'परामर्श' देने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है, ''अपने 'अप्रिय शब्दों और कार्यों' के माध्यम से, केजरीवाल खुद को एक राजनीतिक शहीद के रूप में चित्रित करना चाहते हैं। हालांकि, ऐसा करने में, उन्होंने न केवल गुजरात में, बल्कि देश भर में 'पुलिस बल का अनुचित रूप से एक तमाशा बनाया है।' इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है। कई पूर्व राज्य पुलिस प्रमुखों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में केजरीवाल और गुजरात पुलिस के अधिकारियों के बीच हाल ही में गुजरात में दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान एक ऑटोरिक्शा की सवारी करने की जिद को लेकर हुए विवाद का उल्लेख किया गया है। इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि आप नेता केजरीवाल के 'शब्दों और कृत्यों' ने पुलिस बल का एक 'अनुचित तमाशा' बनाया। पत्र में कहा गया है, ''इसलिए, हम आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि राष्ट्र प्रमुख के तौर पर हस्तक्षेप करें और श्री केजरीवाल को इस तरह के अहंकारी और अशिष्ट व्यवहार करने के खिलाफ परामर्श दें जिसका उद्देश्य हमारे देश के पुलिस बल को कमतर करना है।' गुजरात की घटना का हवाला देते हुए, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा मुर्मू को लिखे पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने के कर्तव्य से जुड़े पुलिस अधिकारियों ने ऑटोरिक्शा में एक ऑटोरिक्शा चालक के घर जाने के केजरीवाल के अनुरोध को स्वीकार कर लिया।
इसमें कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि सुरक्षा का अपेक्षित स्तर बनाए रखा जाए और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में किसी भी चूक को रोकने के लिए, संबंधित पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह केजरीवाल के साथ उस जगह जाएंगे। पत्र में दावा किया गया है, ''हालांकि, पुलिस अधिकारी के विवेकपूर्ण सुझाव के जवाब में, श्री केजरीवाल ने कुछ अरुचिकर और असंगत टिप्पणी की। इन कटु टिप्पणियों से पुलिस बल को गहरी चोट पहुंची है।'' इसमें कहा गया है कि चूंकि केजरीवाल देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, इसलिए पुलिस उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाध्य थी। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि केजरीवाल ''दुर्भाग्य से'' ऐसी घटनाओं में पहले भी शामिल रहे हैं। इसमें कहा गया है कि 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले, आप नेता केजरीवाल ने राज्य पुलिस के खिलाफ Þइसी तरह की शिकायतÞ की थी और मांग की थी कि उनकी सुरक्षा पूरी तरह से वापस ले ली जाए। पत्र में आरोप लगाया गया है कि चुनाव प्रचार समाप्त होने के तुरंत बाद, केजरीवाल ने ''इसके उलट रुख अपनाया'' और ''खतरे की आशंका'' का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा रही है।
आप ने एक बयान में कहा कि इस साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संभावनाएं 'बहुत खराब'हैं, यही वजह है कि यह पत्र लिखा गया है। आप ने बयान में कहा है, ''प्रत्यक्ष रूप से, इस पत्र के पीछे भाजपा है। आगामी चुनाव में गुजरात में भाजपा की संभावनाएं बहुत खराब हैं और उसके किसी नेता में जन आकर्षण नहीं है।' बयान में कहा गया, ''इसीलिए भाजपा को अब कुछ सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों की मदद लेनी पड़ी है। आप तेजी से अपना आधार बढ़ा रही है और भाजपा को समझ में नहीं आ रहा है कि आप से कैसे निपटा जाए, इसलिए ऐसा पत्र लिखा गया है।' जम्मू- कश्मीर के पूर्व पुलिस प्रमुख एस पी वैद पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक हैं। उन्होंने ने कहा, 'अनुभवी पुलिस अधिकारियों के रूप में, हम जानते हैं कि एक नेता, विशेष रूप से मुख्यमंत्री के पद संभालने वाला, अपना कार्य अपनी मर्जी से करने के लिए स्वतंत्र होता है।
हालांकि उसे यह भी समझना चाहिए कि पुलिस उसकी सुरक्षा के लिए कर्तव्यबद्ध है और उसे अनावश्यक रूप से राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए।'