समाज कल्याण मंत्री के लिए पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद बनेंगे मंत्री

Update: 2022-10-20 06:25 GMT

दिल्ली न्यूज़: हिंदू देवी-देवताओं के अपमान को लेकर हुए विवाद के चलते हटाए गए मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का स्थान विधायक राजकुमार आनंद लेंगे। इसका ऐलान बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया। उन्होंने कहा है कि समाज कल्याण मंत्री के लिए आनंद के नाम की एलजी से सिफारिश की है। आगामी कुछ दिनों में उनका शपथ ग्रहण भी करवाया जा सकता है। आनंद पटेल नगर सुरक्षित सीट से विधायक हैं और जाटव बिरादरी से आते हैं। इन्हें गौतम वाला ही मंत्री का पोर्टफोलियो मिलने की संभावना है। जिसमें समाज कल्याण, गुरुद्वारा चुनाव और एससी व एसटी विभाग शामिल हैं। राजकुमार आनंद से पहले इस पद के लिए कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार, करोल बाग से विधायक विशेष रवि और मंगोलपुरी से तीन बार की विधायक राखी बिड़लान का नाम भी चल रहा था। मगर आप ने राजकुमार के नाम पर मुहर लगाई है। मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले राजेंद्र पाल गौतम भी जाटव बिरादरी से हैं। इसलिए समीकरण बैठाने के लिहाज से माना जा रहा था कि इसी बिरादरी से मंत्री बनाया जाएगा। आनंद भी अंबेडकरवादी हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2022 में विरोधी उम्मीदवार को 11 हजार वोटों से पटखनी देकर जीत हासिल करने वाले आम आदमी पार्टी विधायक राजकुमार आनंद ने एलएलबी की पढ़ाई की है। वह आप के उन विधायकों में शुमार हैं, जो अधिक पढ़े-लिखे हैं। शायद यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने राजकुमार की योग्यता को देखते हुए उनके नाम पर मुहर लगाई है। राजकुमार आनंद की पत्नी बीना आनंद भी आम आदमी पार्टी से विधायक रह चुकी हैं। पत्नी वीना आनंद भी पटेल नगर से विधायक रही हैं और दोनों ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद माने जाते हैं। इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा मंगलवार की शाम को स्वीकार कर लिया था। गौतम पर भाजपा ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। दशहरे के दिन करोलबाग स्थित आंबेडकर भवन में मिशन जय भीम कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें शपथ ली गई थी। इसके बाद इंटरनेट मीडिया पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की शपथ लेने संबंधी वीडियो वायरल होने पर भाजपा नेताओं ने नाराजगी जताई थी। स्वयं मुख्यमंत्री भी गौतम से काफी नाराज हो गए थे।

जीवनयात्रा बेहद संघर्षपूर्ण रही है: पटेल नगर विधानसभा के विधायक राजकुमार आनंद की अब तक की जीवनयात्रा बेहद संघर्षपूर्ण रही है। यह शुरू से ही दिल्ली में रहे हैं। आर्थिक अभाव के चलते न चाहते हुए भी इनके माता-पिता को इन्हें इनके नाना-नानी के पास अलीगढ़ भेजना पड़ा। नाना कबाड़ी का काम करते थे। उनकी आर्थिक स्थिति भी उतनी अच्छी नहीं थी, जिससे वे अपने नाती को पढ़ा पाए। आनंद को अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के लिए अलीगढ़ के ताला फैक्ट्री में एक बाल मजदूर के तौर पर काम करना पड़ा। आगे की एमए और एलएलबी तक की अपनी शिक्षा इन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर पूरी की। फैक्ट्रियों के बाहर फेके गए फोम से तकिया बनाने से लेकर रेक्सीन लेदर के एक सफल व्यवसायी बने। समाज सेवा के क्षेत्र में भी इनका योगदान रहा है। इन्होंने वंचित तबके के लोगों की बेहतरी के लिए अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आनंदपथ फाउंडेशन का निर्माण किया। इसके तहत सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले गरीब बच्चों के लिए डॉ. आंबेडकर पाठशाला के नाम से एक ट्यूशन सेंटर की भी शुरुआत की गई। राजकुमार आनंद को पटेल नगर विधानसभा का विधायक बने तकरीबन ढाई साल हो गए हैं।

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