नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने एक और मील का पत्थर हासिल किया है। नौसेना के आईएनएस विक्रांत पर पहले 'मिग-29के' फाइटर जेट ने नाइट लैंडिंग की है। नौसेना का कहना है कि यह रक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।भारतीय नौसेना के मुताबिक, भारत के स्वदेशी आईएनएस विक्रांत युद्धपोत पर 'मिग-29के' को रात में सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई गई है। नौसेना की यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की बढ़ती ताकत की ओर बड़ा कदम है।
गौरतलब है कि इससे पहले तेजस विमान के नौसैनिक वर्जन ने आईएनएस विक्रांत पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। हालांकि, 'मिग-29के' लैंडिंग इसके मुकाबले कहीं अधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि जहां तेजस विमान की लैंडिंग दिन के वक्त हुई थी वहीं 'मिग-29के' की लैंडिंग रात को हुई है।
इससे पहले भारतीय नौसेना ने कामोव 31 हेलीकॉप्टर को भी 28 मार्च को आईएनएस विक्रांत पर उतारा था। भारतीय नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि परीक्षण के दौरान स्वदेशी प्रकाश सहायक उपकरण और शिपबोर्न सिस्टम का इस्तेमाल किया गया, जो कि पूरी तरह सफल सिद्ध हुए।
विक्रांता अपने आप में भारतीय नौसेना का एक बेहद महत्वपूर्ण जहाज है। इसे भारत के कोचिन शिपयार्ड में बनाया गया है। इसकी लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है। आई एन एस विक्रांत की ऊंचाई यह 59 मीटर है। नौसेना के मुताबिक उनके इस युद्धपोत की बीम 62 मीटर की है। आई एन एस विक्रांत में 14 डेक हैं और 1700 से ज्यादा क्रू को रखने के लिए 2300 कंपार्टमेंट्स हैं।