मेट्रो के यात्रियों को जल्‍द मिलेगा बड़ा तोहफा, तुगलकाबाद जल्‍द मिलेगी अडरग्राउंड पार्किंग की सुविधा

Update: 2022-11-17 08:04 GMT

दिल्‍ली: दिल्‍ली मेट्रो के यात्रियों को जल्‍द अडरग्राउंड पार्किंग की सुविधा मिलने जा रही है। तुगलकाबाद पहला ऐसा इंटरचेंज स्‍टेशन होगा। इसमें मेन स्‍टेशन कॉम्‍पलेक्‍स के साथ अंडरग्राउंड पार्किंग फैसिलिटी इंटीग्रेटेड होगी। अभी तक केवल ढांसा बस स्‍टैंड मेट्रो स्‍टेशन पर ऐसी सुविधा है। तुगलकाबाद मेट्रो स्‍टेशन को फेज-IV में इंटरचेंज बनाया जा रहा है। इससे वॉयलेट लाइन (कश्‍मीरी गेट-राजा नाहर सिंह कॉरिडोर) और सिल्‍वर लाइन (तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर) के बीच कनेक्टिविटी बहाल होगी। तुगलकाबाद स्‍टेशन अभी एलिवेटेड है, नया वाला अंडरग्राउंड होगा। एक पेड एरिया के जरिए दोनों स्‍टेशनों को जोड़ा जाएगा। दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के प्रवक्‍ता अनुज दयाल ने बताया, 'डिजाइन में सुधार के बाद, अगर पर्याप्‍त पार्किंग स्‍पेस नहीं उपलब्‍ध हो तो भी दिल्‍ली मेट्रो इंटीग्रेटेड अंडरग्राउंड फैसिलिटीज बना पाएगी। अंडरग्राउंड पार्किंग में करीब 200 गाड़‍ियां खड़ी हो पाएंगी। वॉयलेट और सिल्‍वर लाइन, दोनों से यहां लिफ्ट, सीढ़‍ियों और एस्‍केलेटर्स के जरिए पहुंचा जा सकेगा।'

कैसा होगा नया तुगलकाबाद मेट्रो स्‍टेशन?

तुगलकाबाद पर नया अंडरग्राउंड मेट्रो स्‍टेशन चार मंजिला होगा। सबसे नीचे, करीब 23 मीटर की गहराई पर प्‍लेटफॉर्म होगा। इसके ऊपर कॉनकोर्स और फिर एक पूरा फ्लोर पार्किंग के लिए होगा। छत ग्राउंड लेवल पर होगी। दयाल के अनुसार, 'नए और पुराने स्‍टेशंस के बीच 100 मीटर से छोटा एक सबवे बनाया जाएगा।' नए कॉरिडोर के टर्मिनल स्‍टेशन के रूप में, तुगलकाबाद स्‍टेशन को एक टनल के जरिए सरिता विहार डिपो से जोड़ा जाएगा। सरिता विहार डिपो को सिल्‍वर लाइन की ट्रेनों के लिए एक्‍सपैंड किया जा रहा है। अभी यहां से केवल वॉयलेट लाइन की ट्रेनें गुजरती हैं।

एयरपोर्ट जाने वालों का बचेगा वक्‍त: 23.6 किलोमीटर लंबे एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर (सिल्‍वर लाइन) के अंडरग्राउंड हिस्‍सों पर काम जारी है। यह एयरपोर्ट एक्‍सप्रेस लाइन को वॉयलेट लाइन से जोड़ेगा। इसमें 15 स्‍टेशंस होंगे। नई लाइन खुलने के बाद से फरीदाबाद के दूर-दराज के इलाकों के लोगों का वक्‍त बचेगा। वे तुगलकाबाद इंटरचेंज स्‍टेशन पर उतरकर घरेलू एयरपोर्ट तक डायरेक्‍ट जा सकेंगे। अभी वॉयलेट लाइन के यात्रियों को केंद्रीय सचिवालय पर उतरकर एयरपोर्ट एक्‍सप्रेस लाइन पकड़नी पड़ती है। DMRC के अनुसार, कॉरिडोर का काम 2025 तक पूरा हो जाएगा।

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