New Delhiनई दिल्ली। विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने 28-29 अगस्त को टोंगा में आयोजित प्रशांत द्वीप समूह फोरम (पीआईएफ) नेताओं की वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने ब्लू पैसिफिक के प्रति भारत का समग्र दृष्टिकोण पेश किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार, मार्गेरिटा ने अपने संबोधन में कहा ब्लू पैसिफिक महाद्वीप के साथ भारत का बहुआयामी जुड़ाव हमारी एक्ट ईस्ट नीति में निहित है और इसे द्विपक्षीय रूप से और भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग फोरम (फिपिक) जैसे विभिन्न तंत्रों के माध्यम से मजबूत किया गया है। ब्लू पैसिफिक महाद्वीप के प्रति भारत का दृष्टिकोण ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) के हमारे प्राचीन दर्शन पर आधारित है।
उन्होंने परियोजनाओं के लिए 30 लाख अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष की अनुदान-सहायता का जिक्र करते हुए कहा पिछले साल पापुआ न्यू गिनी में आयोजित तीसरे फिपिक (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 12 सूत्री कार्य योजना की घोषणा की थी, जिसमें सुवा, फिजी में 100-बेड वाले क्षेत्रीय सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना, पापुआ न्यू गिनी में एक क्षेत्रीय आईटी और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र, अगले पांच वर्षों में 1000 छात्रवृत्तियां, डायलिसिस यूनिट्स की आपूर्ति और जेनेरिक मेडिसिन फार्मेसी आउटलेट शामिल हैं।
विदेश राज्य मंत्री ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा प्रशांत समुदाय की चुनौतियों और आकांक्षाओं को संबोधित करने के लिए प्रशांत द्वीप देशों के साथ साझेदारी करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया। मार्गेरिटा ने सम्मेलन से इतर टोंगा साम्राज्य के क्राउन प्रिंस तुपुतोआ उलुकालाला सहित कई देशों के शीर्ष नेतृत्व से भारत के साथ संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर चर्चा की। उन्होंने नाउरू गणराज्य के राष्ट्रपति डेविड एडियांग से स्वास्थ्य, विकास साझेदारी और आईटी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर व्यापक चर्चा की। इसके अलावा राज्य मंत्री ने तुवालु के विदेश मंत्री पॉलसन पनापा और फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका के साथ बैठक में भारत की विकास साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया।