दिल्ली: 'एक व्यक्ति-एक पद' की वकालत करने और इस सिद्धांत को अपनाने वाली कांग्रेस पार्टी क्या इस बार अपने ही फैसले से यूटर्न लेगी? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस के भीतर राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है. ऐसे में संभावना बढ़ गई है कि शायद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक साथ दो पद संभाल सकते हैं. हालांकि, आज यानी शनिवार को पार्टी की संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक है, जिसमें राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद पर फैसला हो सकता है. बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी मौजूदा समय में पार्टी के अध्यक्ष हैं और पिछले सत्र तक राज्यसभा में नेता विपक्ष थे.
बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता में आज यानी शनिवार को शाम 4 बजे कांग्रेस की संसदीय रणनीति समूह की बैठक होगी. इस बैठक में संसद में कांग्रेस द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा होगी और सहयोगी दलों के साथ समन्वय के जरिए मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनेगी. इस बैठक में राज्यसभा में नेता विपक्ष पर भी फैसला हो सकता है.
खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष बने 1 महीना बीता, हेडक्वार्टर में अब तक नहीं लगी फोटो:
दरअसल, मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही इस पद से अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अभी नए नेता के चयन पर चर्चा नहीं हुई है और खड़गे के ही इस सत्र में नेता विपक्ष बने रहने के आसार हैं. हालांकि पार्टी के कई नेता 'एक व्यक्ति एक पद' के उदयपुर संकल्प का हवाला देकर किसी उत्तर भारतीय संसद सदस्य यानी सांसद को नया नेता नामित करने की वकालत कर रहे हैं. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला सोनिया गांधी ही लेंगी, मगर कांग्रेस सूत्र संसद के शीतकालीन सत्र में फिलहाल खड़गे के ही पद पर बने रहने के संकेत दे रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो दिग्विजय सिंह पूरी ताकत से राज्यसभा में नेता विपक्ष पद पाने की कोशिश कर रहे हैं. पार्टी में एक तबका अध्यक्ष और संगठन महासचिव के पद दक्षिण भारतीय नेताओं के पास होने का हवाला देते हुए उत्तर भारत के किसी राज्यसभा सांसद को ये पद देने की पुरजोर वकालत कर रहे हैं. अगर खड़गे इस सत्र में नेता विपक्ष बने रहते हैं तो ये उदयपुर संकल्प का उल्लंघन होगा, जिसकी घोषणा जोर-शोर से की गई थी. इस संकल्प की घोषणा करते समय पार्टी ने बहुत ढोल पीटा था और इसे संगठन में सुधार का एक बड़ा कदम बताया था.