पड़ोसी की शिकायत पर निरस्त होगा शराब बिक्री का लाइसेंस, दिल्ली सरकार की चेतावनी
शराब बिक्री पर छूट की अनुमति तो है, लेकिन इस छूट की वजह से कानून-व्यवस्था का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शराब बिक्री पर छूट की अनुमति तो है, लेकिन इस छूट की वजह से कानून-व्यवस्था का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। कानून व्यवस्था व कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराना भी शराब विक्रेताओं की जिम्मेदारी है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में विक्रेताओं के लाइसेंस भी निरस्त किए जा सकते हैं। यह आदेश दिल्ली आबकारी विभाग ने शराब बिक्री पर छूट देने और दुकानों पर अत्यधिक भीड़ को ध्यान में रखते हुए जारी किया है।
आबकारी विभाग ने कड़े लहजे में शराब विक्रेताओं को नोटिस जारी कर सतर्क भी किया है। आबकारी विभाग के आदेश में कहा गया है कि एल-7 जेड लाइसेंसधारक ग्राहकों को भारतीय और विदेशी शराब के एमआरपी पर छूट की पेशकश कर सकते हैं। यह निविदा के प्रावधान में शामिल है, लेकिन निविदा दस्तावेज में यह भी है कि लाइसेंसधारी अपने विक्रेता के आसपास कानून और व्यवस्था के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा। यदि विक्रेता की वजह से पड़ोस में किसी तरह का उपद्रव होता है।
सरकार को कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उस विशेष विक्रेता का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। लाइसेंस मानकों का पालन और उसके आसपास के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था का रखरखाव तय करना बेहद ही जरूरी है। वह ही उसके लाइसेंस के नवीनीकरण का पैरामीटर होगा।
आबकारी विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के 4 फरवरी के आदेश के तहत कुछ गतिविधियों को कोविड प्रोटोकॉल के साथ फिर से खोलने की अनुमति दी गई है। कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें शराब बिक्री केंद्र के अंदर व बाहर भारी भीड़ देखी जा रही है।
खुदरा शराब की दुकानें जो रियायती कीमतों पर भारतीय और विदेशी शराब की पेशकश कर रही हैं, वहां उल्लंघन होते देखा जा रहा है। दिल्ली आबकारी नियम के अनुसार नशीले पदार्थों की अधिकतम मात्रा निर्दिष्ट की गई है, जो खुदरा दुकानदार बिक्री कर सकेंगे। इस नियम का भी पालन करना होगा। भारतीय और विदेशी शराब की व्यक्तिगत सीमा नौ लीटर से अधिक की नहीं है।